कोच्चि। केरल में महज 12 वर्ष की उम्र में एक “बच्चे” के पिता बनने का मामला सामने आया है। उसने 16 वर्ष की एक किशोरी से संबंध बनाए थे। इसके बाद उस किशोरी ने पिछले साल नवंबर में एक लड़की को जन्म दिया। बच्चे पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। घटना पिछले साल फरवरी माह की है।
इसके बाद किशोरी ने पिछले नवंबर 2016 में केरल के एर्नाकुलम जिले के एक अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। हालांकि पिछले हफ्ते आई डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के बाद इस बात की पुष्टि हो गई है कि बच्ची का पिता यह 12 वर्षीय बच्चा ही है।
डॉक्टर बोले- “जल्दी बड़ा हो गया बच्चा”
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एंडोक्रोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पीके जब्बार के मुताबिक, बच्चे में संभवतः असामयिक यौवन (प्रिकोशियस प्यूबर्टी) की स्थिति बनी है। इसके चलते बहुत कम उम्र में यौवन के लक्षण आने लगते हैं।
यह बहुत हैरान करने वाला मामला नहीं है, लेकिन उनकी जानकारी में देश में अब तक 12 वर्ष की उम्र में पिता बनने का मामला अब तक सामने नहीं आया है। मालूम हो, आम तौर पर लड़कियों में यौवन की शुरुआत 10 से 14 वर्ष जबकि लड़कों में 12 से 16 वर्ष के बीच होती है।
जानकारी उजागर नहीं
इस मामले में पोक्सो (प्रोटेक्टशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट लगाए जाने के कारण पीड़िता और आरोपी दोनों की ही पहचान उजागर नहीं की गई है। दोनों ही नाबालिग हैं। जब नवजात को जन्म देने वाली किशोरी से पूछताछ हुई तो उसने एक लड़के का नाम बताया। बताया जा रहा है कि दोनों आपस में करीबी रिश्तेदार हैं और पड़ोस में रहते हैं।
जांच के वक्त उम्र महज 18 दिन
किशोरी के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी बच्चे और नवजात के रक्त के नमूने लेकर डीएनए मैचिंग के लिए भेजे, जिसकी इस हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद यह पुष्टि हो गई कि इस बच्ची का पिता 12 वर्षीय बच्चा ही है। जिस वक्त नवजात के रक्त के नमूने लिए गए, उसकी उम्र महज 18 दिन थी। पीड़िता के परिजन ने नवजात को अपनाने से इनकार कर दिया है इसलिए उसे चाइल्ड लाइन अथॉरिटी को सौंप दिया गया है।