लोकसभा सीटों पर उप चुनाव के मामले में राज्य सरकार ने कहा कि हालात फिलहाल साजगार नहीं हैं। अगर ऐसे में चुनाव करवाया गया तो हिंसा फैलाने वालों को मौका मिल जाएगा। इसके बावजूद आयोग ने चुनाव करवाने का फैसला लिया और जिसका डर था वहीं हुआ। अब सरकार का ध्यान कश्मीर में विकास से हटकर हालात को दुरुस्त करने में लगा रहेगा। उन्होंने कहा कि कोशिश रहेगी कि जम्मू व लद्दाख में विकास कार्य तेजी से चले।
उन्होंने कहा कि कश्मीर का मसला 70 साल से चला आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 2002 में मसले के हल की बड़ी कोशिश की थी, लेकिन दूसरे दलों की 2014 तक रही सरकारों के समय कुछ नहीं किया गया। पत्थर मारने वाले युवाओं की नाराजगी अब लावे में बदल चुकी है। केंद्र व राज्य सरकार मसले पर गंभीर है।