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बड़ाखुलासा : चिप लगाकर पेट्रोल चोरी में 23 गिरफ्तार, 7 के लाइसेंस सस्पेंड

रिमोट डिवाइस लगाकर पेट्रोल-डीजल की चोरी करने वाले लखनऊ के सातों पेट्रोल पंपों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इस मामले में एसटीएफ ने सात मुकदमे दर्ज कर पेट्रोल पंप मालिकों व मैनेजर समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी पेट्रोल पंपों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा गया है। जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शी ने इन पंपों से संबंधित तेल कंपनियों के प्रबंधन को इनका संचालन पूरी तरह से बंद कराने और उनकी संबद्धता खत्म करने को कहा है।
एसटीएफ से पेट्रोल पंपों पर घटतौली की जानकारी मिलने के बाद एडीएम आपूर्ति आभा वर्मा की अगुवाई में आपूर्ति विभाग, बाटमाप विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार देर रात तक लखनऊ के पंपों पर छापे मारे। इस दौरान 22 से ज्यादा रिमोट व एक दर्जन डिवाइस पकड़ी गई। सभी सातों पंपों की डिस्पेंसर यूनिटों को सील लगाकर वितरण रुकवा दिया गया। आपूर्ति विभाग ने पूरे मामले की जांच चलने तक सातों पंपों को जारी लाइसेंस निलंबित कर पंपों के संचालन पर रोक लगा दी है।

चिप से 15 लाख रुपये तक का चूना लगाते थे पेट्रोल पंप मालिक

एसटीएफ के हत्थे चढ़े राजेंद्र ने इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए पेट्रोल चोरी का खुलासा किया था। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने अरविंद चतुर्वेदी और उनकी टीम को इसके खुलासे के लिए लगाया। पूछताछ में राजेंद्र ने बताया कि वह इलेक्ट्रिशियन है। 5-6 साल पहले दिल्ली के युवकों से संपर्क होने पर पेट्रोल पंपों पर चिप लगाने का काम सीखा। चिप की खासियत यह थी कि उसे रिमोट के जरिए ऑफ करने पर मशीन सही रीडिंग देती थी।

अमित पाठक ने बताया कि लोगों से पैसे के सापेक्ष 5 से 10 प्रतिशत तक कम पेट्रोल या डीजल दिया जा रहा है। इससे औसत बिक्री वाले पेट्रोल पंपों पर छह से सात लाख रुपये और अच्छी बिक्री वाले पेट्रोल पंपों पर 12 से 15 लाख रुपये तक की तेल की चोरी की जा रही है। पेट्रोल के स्टॉक रजिस्टर में उपलब्ध तेल अधिक पाया गया। कुछ स्थानों पर डिप नापने वाले मेजरिंग राड के कैलिब्रेशन में भी छेड़छाड़ सामने आई ताकि टैंक में उपलब्ध अतिरिक्त तेल नापने पर पकड़ में न आए।

इनकी हुई गिरफ्तारी

राजन अवस्थी- कृष्ण विहार कालोनी, मड़ियांव लखनऊ।
राजेंद्र- बबुरिहा, कुर्सी, बाराबंकी।
शरद चंद्र वैश्य- पुराना किला हुसैनगंज, लखनऊ।
विजेंद्र सिंह भदौरिया- इंदिरानगर, लखनऊ।
अशोक कुमार पाल- ठाकुरगंज लखनऊ।
राकेश कुमार- बीकेटी, लखनऊ।
दुर्गेश कुमार- सतरिख बाराबंकी।
प्रेम कुमार ओझो- मड़ियांव लखनऊ।

गोविंद पांडेय- पुरवा, कुमारगंज फैजाबाद।
डाल कुमार ओझा- इनायत नगर, फैजाबाद।
कमलेश- रहुखेड़ा, संडीला हरदोई।
अमन मित्तल- हुसैनगंज, लखनऊ।

अनूप मित्तल- हुसैनगंज, लखनऊ।
बबलू मिश्रा- नवबस्ता, बाजार खाला, लखनऊ।
अर्जुन लाल- माल एवेन्यू, गौतमपल्ली, लखनऊ।
अखिलेश कुमार दीक्षित- सनातन नगर, चिनहट लखनऊ।
विनोद सिन्हा- आदर्श पुरम, अलीगंज, लखनऊ।

देवेंद्र सिंह रावत- तेलीबाग, एसजीपीजीआई, लखनऊ।
मातादीन- रामनगर, रौनाही, फैजाबाद।
आनंद कुमार राय- विराम खंड, गोमतीनगर, लखनऊ।
हसीब अहमद- महबूबगंज, सआदतगंज, लखनऊ।
चंदन कुमार- खानीपुर, अटरिया, सीतापुर।
मोहित सिंह यादव- डालीगंज, हसनगंज, लखनऊ।

इन पेट्रोल पंपों पर पड़ा था छापा

लालता प्रसाद वैश्य एंड संस- डालीगंज क्रासिंग
लालता प्रसाद वैश्य एंड संस- मेडिकल कालेज चौराहा
शिव नारायण एंड संस- कैंट

ब्रिज ऑटो केयर-समता मूलक चौराहा
मान फीलिंग स्टेशन-गल्ला मंडी, सीतापुर रोड।
स्टैंडर्ड फ्युल सेंटर- मड़ियांव
साकेत फीलिंग स्टेशन- कमता

धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज
– इन सभी के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में यूपी हाई स्पीड डीजल ऑयल आदेश 1981, विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 265, 267 एवं 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

एसआईटी करेगी पेट्रोल चोरी की जांच
डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा है कि पेट्रोल पंप पर तेल चोरी संगठित अपराध की तरह की जा रही थी। इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जाएगी और संगठित अपराध की तफ्तीश अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों और तकनीकी एक्सपर्ट की टीम से कराई जाएगी। डीजीपी ने कहा कि एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है। इसलिए मजिस्ट्रेट की मदद से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

कठोर कार्रवाई करेंगे : पेट्रोलियम मंत्रालय

लखनऊ में एक साथ आधे दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों पर घटतौली की घटना सामने आने के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि जो भी पेट्रोल पंप डीलर गैरकानूनी कार्य में लिप्त पाए जाएंगे, उन पर कठोर कार्रवाई होगी।
उनके ऊपर मंत्रालय और सरकारी तेल विपणन कंपनियों की तरफ से कार्रवाई होगी। सार्वजनिक क्षेत्र की एक तेल विपणन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामले में दोषियों पर जुर्माने से लेकर डीलरशिप निलंबित करने या बर्खास्त करने तक की कार्रवाई होती है। पेट्रोल पंप डीलरों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) के अध्यक्ष अजय बंसल ने भी ऐसे कार्य मेें लिप्त डीलरों की कड़ी भर्त्सना की है।