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राष्ट्रपति चुनाव में इस नाम के लिए कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल दे सकते हैं बीजेपी का साथ

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल जुलाई 2017 में खत्म हो रहा है। देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों के बीच सियासी गुड़ागणित अभी से शुरू हो चुकी है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष दल भाजपा समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही हैं। लेकिन एक सूरत ऐसी भी है जब विपक्षी दल भाजपा गठबंधन के राष्ट्रपति उम्मीदवार का विरोध नहीं करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार अगर भाजपा नीत एनडीए मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही दोबारा राष्ट्रपति बनाने का समर्थन करता है तो विपक्षी दल उसका विरोध नहीं करेंगे।

आजाद भारत के इतिहास में केवल देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ही दो बार देश के राष्ट्रपति रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष अपनी तरफ से प्रणब मुखर्जी का नाम दूसरी राष्ट्रपति पद के लिए नहीं बढ़ाना चाहता। विपक्ष चाहता है कि पहले एनडीए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करे। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, मायावती, शरद यादव इत्यादि से मुलाकात कर चुकी हैं और माना जा रहा है कि सोनिया राष्ट्रपति पद के लिए एक साझा उम्मीदवार पर सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए इन नेताओं से मिल रही है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा गठबंधन के पास अपने पसंदीदा उम्मीदवार राष्ट्रपति बनवाने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज इत्यादि के नाम मीडिया में उछाले जा रहे हैं। जब मुखर्जी को 2012 में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था तो उस समय भाजपा के साझीदार रहे जनता दल (यूनाइटेड) ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था। शिव सेना ने भी 2012 में मुखर्जी के उम्मीदवारी का समर्थन किया था। 2012 में भाजपा ने पीए संगमा का समर्थन किया था।

राष्ट्रपति का चुनाव लोक सभा, राज्य सभा और सभी राज्यों के सभी सदनों (विधान सभा और विधान परिषद) के के संयुक्त वोटों द्वारा होता है। इनमें केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुदुच्चेरी के वोट भी शामिल होते हैं। संसद या राज्य की विधान सभा में नामित सदस्यों का वोट राष्ट्रपति चुनाव में मान्य नहीं होता। अपने पसंदीदा उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए 5.49 लाख वोट चाहिए होंगे।