ठाकरे ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का गठन सभी हिंदुत्व सेनाओं का एक उद्देश्य है। यह तीसरी बार है कि जब शिवसेना प्रमुख ने भागवत को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सहयोगी दल शिवसेना ने देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में भागवत का नाम सुझाया था।
शिवसेना ने कहा था कि आरएसएस मुख्यालय देश में “सत्ता का दूसरा सीट” बन गया है और संघ के अध्यक्ष भागवत को छोड़कर राष्ट्रपति पद के लिए कोई भी उपयुक्त नहीं है।
बता दें ठाकरे ने अप्रैल में भी कहा था कि उन्होंने भागवत का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए सुझाया है। हालांकि उन्होंने शरद पवार के नाम पर अभी तक कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा पवार मोदी के गुरु हैं, किसी के दिल में क्या है कहा नहीं जा सकता।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म होने को है। ऐसी खबरें थीं कि आरएसएस प्रमुख राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भी उनके नाम पर जोर दिया था।