गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल ने भाजपा के उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत को हरा दिया। इससे पहले देर रात तक चले नाटकीय घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने चुनाव नियमों का उल्लंघन करने पर मुख्य विपक्षी दल के दो असंतुष्ट विधायकों के वोट अमान्य कर दिए थे जिससे कांग्रेसी खेमे में खुशी का माहौल देखने को मिला। दूसरी तरफ भाजपा के चाणक्य दुखी मात खा गए।
शाह और स्मृति ईरानी को मिले 46-46 वोट
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल को 44 वोट मिले जबकि राजपूत को 38 वोटों से संतोष करना पड़ा। हाल तक राजपूत राज्य विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे और पार्टी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी इन चुनावों में जीतकर पहली बार राज्यसभा में प्रवेश किया है। उनके साथ मौजूदा राज्यसभा सदस्य और सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अपनी जगह बरकरार रखी है। अधिकारी के अनुसार दोनों को 46-46 वोट मिले हैं। चुनाव जीतने की घोषणा के बाद अहमद पटेल ने कहा, ‘‘यह केवल मेरी जीत नहीं है। यह धनबल, बाहुबल के धड़ल्ले से इस्तेमाल और राज्य मशीनरी के दुरुपयोग की हार है।’’
पटेल पांचवीं बार उच्च सदन में पहुंचने में कामयाब
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं और अपनी पार्टी के नेतृत्व, अपने विधायकों और सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताना चाहता हूं जिन्होंने एक परिवार की तरह काम किया। यह एक मुश्किल चुनाव था जिसमें हमें जीत मिली।’’ इस नाटकीय जीत के साथ पटेल पांचवीं बार उच्च सदन में पहुंचने में कामयाब हुए हैं। इससे पहले मतगणना शुरू होने के बाद कुछ मिनट के लिए रोक दी गई थी जब भाजपा ने दावा कर दिया कि दो और कांग्रेसी विधायकों ने अनधिकृत लोगों को मतपत्र दिखाकर चुनाव नियमों की अवहेलना की। हालांकि कांग्रेस और भाजपा के सूत्रों ने कहा कि कुछ देर के बाद मतगणना फिर शुरू हो गई।
उधर कांग्रेस को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में उसके दो विधायकों के डाले गए वोटों को ‘मतपत्रों की गोपनीयता’ का उल्लंघन करने के मामले में मंगलवार देर रात खारिज कर दिया। आयोग ने निर्वाचन अधिकारी से कांग्रेस विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के मतपत्रों को अलग करके मतगणना करने को कहा। आयोग के आदेश के अनुसार मतदान प्रक्रिया का वीडियो फुटेज देखने के बाद पता चला कि दोनों विधायकों ने मतपत्रों की गोपनीयता का उल्लंघन किया था। कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उनके वोट रद्द किए जाएं क्योंकि उन्होंने अनधिकृत लोगों को अपने मतपत्र दिखाए।
EC को वीडियो फुटेज दिखाने पहुंचे कांग्रेसी
इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मंगलवार शाम को कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की मीटिंग आयोजित की। बैठक के दोबार चुनाव आयोग के पास जाने का फैसला लिया गया। हालांकि मीटिंग से पहले कांग्रेसी नेता एक बार चुनाव आयोग तक अपनी गुहार लेकर पहुंच चुके थे। दूसरी बार चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि हरियाणा में भी ऐसा ही हुआ था, वहां वोट रद्द किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत के तौर पर वीडियो है। बीजेपी को बैलेट पेपर दिखाने पर वोट रद्द होना चाहिए। उन्होंने दोनों वोट रद्द होने के बाद काउंटिंग होने की मांग की। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर ताकत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
‘कांग्रेस में हार से हताशा’
वहीं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से पहले बीजेपी डेलीगेशन ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. मुलाकात के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस पार्टी सुबह से बेबुनियाद आरोप लगा रही है। कांग्रेस हार की खबर से बौखला गई है, इसलिए उन्होंने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग से अपील की है कि इस आरोप पर कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को कोर्ट जाकर मामले को चुनौती देने की चेतावनी दी।
बीजेपी डेलीगेशन के चुनाव आयोग जाने के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आयोग जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला, राज बब्बर, अशोक गहलौत और आरपीएन सिंह चुनाव आयोग पहुंचे। इससे पहले रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग जाकर कांग्रेस के दो विधायकों के वोट रद्द करने की अपील की और वो वीडियो फुटेज भी दिखाया।