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इधर हुआ मोदी कैबिनेट का विस्तार, उधर सीएम योगी के खिलाफ बड़ा फैसला! हिल गई पूरी राजनीती

मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ तेज रफ्तार के साथ अपनी तरह की राजनीति पूरे सूबे में लागू करते जा रहे थे. योगी लगभग अनियंत्रित और निरंकुश से हो चले थे. लेकिन रविवार का कैबिनेट विस्तार योगी के लिए एक बड़ा स्पीड ब्रेकर साबित हुआ. मोदी ने योगी को साफ संकेत दिया है कि भले ही वो सूबे के सीएम हों, लेकिन राजनीति में बैलेंस बहुत जरूरी होता है और केवल एक आदमी की मंशा और पंसद से सरकार नहीं चलाई जा सकती.शिव प्रताप शुक्ल

योगी का मनमानी डंग से सरकार चलाना शायद मोदी को भी नगवार गुजर रहा था. इसीलिए उनके विरोधी माने जाने वाले शिव प्रताप शुक्ल को अपने मंत्रिमंडल में जगह देकर मोदी ने योगी को पहला झटका दे दिया है.

शिव प्रताप शुक्ल को मंत्री बनाकर नरेंद्र मोदी ने सबसे महत्वपूर्ण राज्य में जातिगत समीकरण के बैलेंस को भी संभालने की कोशिश की है. शिव प्रताप शुक्ल खुद गोरखपुर से आते हैं और पार्टी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे को तौर पर देखे जाते हैं.These big new faces for the Modi government's chosen cabinet include two big UP leaders, why are they elected?

शिव प्रताप शुक्ल लगातार चार बार विधानसभा का चुनाव जीता है. 1989,1991,1993 और 1996 में MLA और यूपी में मंत्री भी रहे. लेकिन योगी ने अपने सियासी वर्चस्व कायम करने के लिए शिव प्रताप के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा करके उन्हें चुनाव हराया था. यहीं से दोनों के बीच सियासी अदावत शुरु होगी.

योगी ने शिव प्रताप शुक्ल की पूरी सियासत खत्म कर दी थी. वह बीजेपी में साइड लाइन कर दिए गए थे, लेकिन पार्टी के प्रति उन्होंने अपनी वफादारी नहीं छोड़ी. नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तो शिव प्रताप शुक्ल की 14 साल के बाद सियासी पुनरुद्धार हुआ. वह राज्यसभा सदस्य बने और अब मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने जा रहे हैं.Amit Shah Bole

योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनने के बाद से सूबे का ब्राह्मण समाज बेचैन महसूस कर रहा था. सूबे में DGP सहित काफी जिलों में राजपूज समाज के जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक बैठा दिए गए हैं. इतना ही नहीं सरकारी महाअधिवक्ता भी राजपूत समाज से बनाया गया है. योगी के सत्ता पर विराजमान होते ही पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता माने जाने वाले हरिशंकर तिवारी के घर पुलिस ने छापेमारी की. ब्राह्मणों ने इसे योगी के इशारे पर कार्रवाई मानी. रायबरेली में 5 ब्राह्मणों की हत्या से ब्राह्मणों में बीजेपी के प्रति नाराजगी और भी बढ़ गई. इसीलिए ब्राह्मण अपने आपको ठगा हुआ महसूस करने लगा था. ऐसे में मोदी ने शिव प्रताप शुक्ल को अपनी कैबिनेट में जगह देकर कई संदेश दिए हैं.