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जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बोले नहीं देना चाहिए था ऐसा बयान, उमर अब्दुल्ला को बताया राजनीतिक नाबालिग

नई दिल्ली। Satya pal Malik statement on corruption : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि आतंकियों को सुरक्षा बलों पर हमले की जगह उन लोगों को मारना चाहिए जिन लोगों ने उनके राज्य और देश को लूटा। अपने बयान पर उन्होंने कहा कि जो कुछ उनकी जुबां से निकला था वो गुस्से का इजहार था क्योंकि वो राज्य में भ्रष्टाचार के बोलबाले से परेशान थे। सत्य पाल मलिक के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा था। जिसके बाद मलिक ने दिलचस्प अंदाज में उन पर निशाना साधा।
उमर अब्दुल्ला के बारे में बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि वो राजनीतिक तौर पर नाबालिग हैं जो हर मुद्दों पर ट्वीट करते हैं। आप उनकी प्रतिक्रिया को देखें आपको सबकुछ समझ में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी ट्वीट करने का अधिकार है। लेकिन आपको संदर्भ समझना भी जरूरी  है। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप किसी विषय को न समझें और सिर्फ प्रतिक्रिया के लिए अपनी बात कहें।

सत्यपाल मलिक ने कहा का राज्यपाल के पद पर रहते हुए उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। उनका बयान नितांत तौर पर निजी है, उन्होंने जो महसूस किया उसे सिर्फ शब्दों की धार दी। जम्मू-कश्मीर में बड़े बड़े नौकरशाह, भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा कि अपने कार्यकाल में वो इस तरह की अव्यवस्था को देख रहे हैं।सत्यपाल मलिक ने कहा कि घाटी में कुछ नौकरशाह और राजनीतिक दलों के नेता खुद को सुल्तान समझते हैं। लेकिन इन लोगों ने घाटी की दुर्दशा कर दी। वो सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर का ये हाल किया है उनके भ्रष्टाचार की कब्र खोद कर जाऊंगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए केंद्र ने अपना खजाना खोल रखा है। लेकिन यहां के राजनीतिक दल कभी भी राज्य के विकास के प्रति गंभीर नहीं रहे। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कहा था कि अगर किसी रिटार्यड नौकरशाह या मौजूदा राजनेता की हत्या होती है तो उसके लिए गवर्नर जिम्मेदार होंगे। अब्दुल्ला ने भी ये कहा कि राज्यपाल जैसे जिम्मेदार लोग जब इस तरह की बात करेंगे तो उसका संदेश क्या होगा वो नहीं समझ पा रहे हैं। जिम्मेदार ओहदे पर बैठे हुए लोग इस तरह से संवेदनहीन बयान नहीं दे सकते हैं और न ही उन्हें इस तरह की हल्की बातें करनी चाहिए।