Thursday , December 19 2024

उन्नाव कांडः धरने पर परिवार, बोले- जब तक चाचा को परोल नहीं, तब तक मृतकों का नहीं होगा दाह संस्कार

लखनऊ
यूपी के चर्चित उन्नाव गैंगेरप की विक्टिम के साथ ऐक्सिडेंट के बाद हर कोई सकते में है। रायबरेली में हुए इस सड़क हादसे में दो परिवारीजनों की मौत के मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस बीच रेप पीड़िता का परिवार अब धरने पर बैठ गया है। लखनऊ के केजीएमयू के बाहर धरने पर बैठी पीड़िता की बहन ने कहा कि जब तक उनके चाचा को परोल नहीं दी जाएगी वे लोग परिवार के मृतकों का दाह संस्कार नहीं करेंगे।

परिवार की ओर से परोल की मांग की गई थी जिसे जिला प्रशासन ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि उन्हें परोल देने का अधिकार नहीं है। बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता का ऐक्सिडेंट 28 जुलाई को रायबरेली में हो गया था। इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों का पोस्टमॉर्टम सोमवार को हो गया था। पीड़ित परिवार को मृतकों के शव सौंप दिए गए हैं, लेकिन वे दाह संस्कार के लिए राजी नहीं है।

कोर्ट ने खारिज कर दी थी परोल की अर्जी आपको बता दें कि रेप पीड़िता के चाचा को मारपीट के करीब 20 साल पुराने एक मामले में कुछ महीने पहले सजा सुनाई गई थी। कुछ मामलों के ट्रायल जारी हैं। पीड़िता की बहन ने कहा कि जब तक उन्हें परोल पर रिहा नहीं किया जाता तब तक वे लोग मृतकों का दाह संस्कार नहीं करेंगे। पीड़ितों के समर्थन में कई अन्य लोग भी धरने पर बैठ गए हैं। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के बाहर सैकड़ों लोग मौजूद हैं।

पीड़ित की चाची और मौसी के शव पोस्टमॉर्टम के बाद लखनऊ के मुर्दाघर में रखे गए हैं। दाह संस्कार पीड़िता के चाचा को ही करना है। वह फिलहाल रायबरेली जेल में बंद है। परोल के लिए सोमवार दोपहर उन्नाव के जिला मैजिस्ट्रेट देवेंद्र पांडेय की अदालत में अर्जी दाखिल की गई थी। जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं। उन्हें सजा हो चुकी है और सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई है। सरकारी आदेश (जीओ) के तहत अपील वाले केसों में परोल देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए वह असमर्थ हैं।