इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने इमरान खान सरकार से अपने परिसर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के पाकिस्तान में भी हालात ठीक नहीं है। भारत सरकार के इस कदम से पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान ने आज नेशनल असेंबली और सीनेट का संयुक्त सत्र (joint parliamentary session) की आपात बैठक बुलाई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू व कश्मीर संबंधी भारत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पाकिस्तान इसका हर मुमकिन तरीके से विरोध करेगा। कुरैशी ने कहा है कि उनका देश भारत सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएगा और उनसे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने का अनुरोध करेगा।
पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इस पर कोई भी निर्णय दिव्पक्षीय रूप से ही निपटाना होगा। भारत यह समझ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभी यह लड़ाई लंबी चलेगी। इसको देखते हुए भी जबरदस्त तैयारी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर दूसरे मंचों पर पाकिस्तान की हर साजिश का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
सोमवार 5 अगस्त 2019 की तारीख में स्वतंत्र भारत का नया इतिहास लिख दिया गया। 17 अक्टूबर 1949 को संविधान में राष्ट्रपति के आदेश से जोड़े गये अनुच्छेद 370 को उसी तरीके से खत्म कर दिया गया। अपने विलक्षण फैसलों के लिए ख्यात हो चुकी केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार ने 70 साल बाद वह ऐतिहासिक फैसला ले लिया, जिसकी सुगबुगाहट पिछले एक हफ्ते से चरमोत्कर्ष पर थी। पिछले करीब एक हफ्ते की कवायद को लेकर देश में चर्चाएं तेज थीं कि सरकार कश्मीर को लेकर कोई ब़़डा कदम उठा रही है। रविवार रात जैसे ही कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर घाटी में धारा 144 लागू की गई और सोमवार सुबह 9.30 बजे पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बुलाई गई, यह तय हो गया था कि अब फैसले की घड़ी आ गई है। सुबह करीब एक घंटे कैबिनेट बैठक में सारी व्यूह रचना को मंजूरी दी गई और फिर संसद के मानसून सत्र में एलान का फैसला कर लिया गया।