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पीएम मोदी ने समाज सुधारक, शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को दी श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक, शिक्षिका एवं कवयित्री सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें शुक्रवार को श्रद्धांजलि देते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण एवं शिक्षा की दिशा में उनके योगदान को याद दिया।

सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।’

कौन थीं सावित्रीबाई फूले

जनवरी 1831 में महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नायगांव नामक छोटे से गांव में सावित्रीबाई फुले पैदा हुई थीं। उनकी शादी 9 साल की उम्र में ही ज्योतिबा फुले के साथ हो गई थी। बता दें कि जब उनका विवाह हुआ तब वह अनपढ़ थी। अगर उनके पति की बात की जाए तो वे तीसरी कक्षा तक पढ़े थे।

सावित्रिबाई का सपना था उच्च शिक्षा ग्रहण करना। पर उस वक्त दलितों के साथ काफी भेद-भाव होता था। उस वक्त  की एक घटना याद आती है, एक दिन फूले को अंग्रेजी की किताब के पन्ने पलटते हुए उनके पिताजी ने देख लिया। सावित्री के पास आए और किताब छीनकर बाहर फेंक दी। सावित्री को समझ नहीं आया।

उन्होंने अपने पिताजी से जब कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि पढ़ाई करने का हक केवल उच्च जाति के पुरुषों का है। उस वक्त दलितों के साथ महिलाओं के लिए भी पढ़ाई करना पाप था। इस घटना के बाद उन्होंने प्रण किया कुछ भी हो जाए वह शिक्षा जरूर ग्रहण करेंगी।