बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों कूड़े का अंबार लगा हुआ है। पटना में गली-मोहल्लों से लेकर सड़कों तक कूड़े का ढेर नजर आ रहा है। हर तरफ फैल रही दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इसकी वजह है पटना में दैनिक वेतनभोगी सफाई मजदूर चार दिनों से हड़ताल पर हैं।
शुक्रवार को भी सफाई कर्मियों ने उग्र होकर अपनी आवाज बुलंद की। इससे पहले गुरुवार को आंदोलित सफाई कर्मियों ने नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुरेश शर्मा के एम स्टैंड रोड स्थित सरकारी आवास के सामने मरे पशुओं को फेंक कर विरोध दर्ज कराया था। आंदोलित सफाई मजदूरों ने मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी।
क्यों आंदोलित हैं दैनिक वेतनभोगी सफाई मजदूर
दैनिक वेतनभोगी सफाई मजदूरों स्थाई सेवा की मांग और नगर विकास विभाग के आउटसोर्सिंग पर सफाई मजदूर रखने के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। करीब साढे चार हजार सफाई कर्मियों के काम ठप करते ही पटना में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। दुर्गंधयुक्त वातावरण से स्थानीय लोगों को जानलेवा बीमारियों का भय सता रहा है। पटना नगर निगम के साथ-साथ कटिहार, दरभंगा, छपरा, बड़हिया, समस्तीपुर आदि जगहों पर सफाई कर्मियों की हड़ताल चल रही है। इससे पहले कुछ जगहों पर सफाई मजदूरों ने हड़ताल खत्म की थी।
सफाई कर्मियों ने कोर्ट जाने की दी धमकी
गया नगर निगम क्षेत्र के कुछ वार्डों में विगत दिनों सफाई करने गए कर्मियों को हड़ताल कर रहे सफाई मजदूरों ने जमकर पीटा। मौके पर खूब हंगामा भी हुआ। माहौल बिगड़ता देख नगर आयुक्त ने जिला प्रशासन से पुलिस बल मांगा, तब जाकर स्थिति सामान्य हुई। विरोध के बीच नगर निगम कार्यालय को बंद करना पड़ा। दोपहर बाद पुलिस की मौजूदगी में कार्यालय खुला तो कामकाज शुरू हुआ।
सफाई मजदूरों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे समन्वय समिति के नेता चंद्र प्रकाश सिंह, विंदेश्वरी सिंह, मंगल पासवान, जितेंद्र कुमार, नंद किशोर दास आदि लोगों का कहना है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि अब यूनियन के नेता भी हाईकोर्ट पहुंचेंगे।