Thursday , December 19 2024

Defence Expo 2020 : दुश्मन को ढेर ही नहीं, आठ कलर में रिकॉर्डिंग भी करेगी राइफल जानिए नाइट विजन डिवाइस की खासियत

Image result for raifal image

लखनऊ- बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की तरह अब सेना को दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के बाद सबूत खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत की ही एक निजी कंपनी ने ऐसी नाइट विजन डिवाइस ईजाद की है जो रात को अचूक निशाने के साथ रिकॉर्डिंग करने की भी क्षमता रखती है।

डिफेंस एक्सपो में अपनी खूबियों के कारण डार्वी विदेशियों के लिए भी दिलचस्पी का केंद्र बनी। 2016 में नार्दर्न कमांड द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में इस तरह की नाइट विजन का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन अब यह और एडवांस्ड रूप में बाजार में है। डार्वी को नोएडा की एक निजी कंपनी ने विकसित किया है। केवल 575 ग्राम भार के कारण राइफल के ऊपर आसानी से फिट किया जा सकता है। इसकी खास बात है कि यह न केवल लेजर सिस्टम से अचूक निशाना साधने में मददगार बन रही है, बल्कि रिकॉर्डिंग सिस्टम भी चलता रहता है। इसकी रिकॉर्डिंग क्वालिटी भी कमाल की है।

दरअसल, अब तक जितनी भी डिवाइस थीं वह केवल ब्लैक एंड व्हाइट रिकॉर्डिंग करती थीं, लेकिन इसमें जो कैमरा लगा है वह कलरफुल रिकॉर्डिंग करता है। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना ने जो नाइट विजन डिवाइस इस्तेमाल की थी, उसकी क्षमता चार सौ मीटर देखने की थी जो अब बढ़कर छह सौ मीटर कर दी गई है। थर्मल बेस तकनीक के चलते रात के अंधेरे में भी टारगेट को स्पष्ट देखा जा सकता है।

यानी रात और खराब मौसम में भी दुश्मन को आसानी से टारगेट किया जा सकता है। 2014 से पहले इस तरह की नाइट विजन टेक्नोलॉजी के निर्माण पर केवल भारत सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसियों के पास ही बनाने का लाइसेंस था। मोदी सरकार आने के बाद इसे निजी क्षेत्र के लिए भी खोला गया, जिसके बाद तेजी से इस पर काम किया गया।