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महिलाओं के लिए ड्राइविंग लाइसेंस मुफ्त नहीं, दूसरे प्रयास का देना पड़ रहा शुल्क

इंदौर : पांच साल पहले देश में पहली बार मध्य प्रदेश शासन द्वारा जोर-शोर से शुरू की गई महिलाओं के फ्री लाइसेंस की योजना में बदलाव हो गया है। अब यह योजना केवल पहली बार अपॉइंटमेंट लेने पर ही फ्री रह गई है। फेल होने वाली महिलाओं को दूसरी बार प्रयास करने पर लाइसेंस शुल्क चुकाना पड़ रह है। इधर अधिकारियों का कहना है सिस्टम में यह बदलाव कैसे आ गया, इसको दिखवा रहे हैं। मुख्यालय से चर्चा कर इसे पहले की तरह करवाने का प्रयास करेंगे।

लाइसेंस की इस व्यवस्था में बदलाव का कारण लाइसेंस व्यवस्था को केंद्र के सर्वर से जुड़ने को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों केंद्र सरकार के सर्वर सारथी से जुड़ने के बाद आरटीओ की वेबसाइट बंद हो गई थी और लाइसेंस के अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहे थे। दो दिन पहले जब ये सिस्टम दोबारा शुरू हुआ तो इसमें महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए शुल्क चुकाना पड़ रहा है। लंबे समय से लाइसेंस का काम देख रहे नरेश नीमा ने बताया कि लाइसेंस बनवाने के लिए पहले लर्निंग और बाद में पक्के लाइसेंस का अपॉइंटमेंट लेना होता है। दो दिन पहले तक यह फ्री होता था लेकिन अब यह केवल पहली बार के लिए फ्री है। अगर कोई महिला लर्निंग लाइसेंस या पक्के ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा में फेल हो गई, तो दोबारा अपॉइंटमेंट लेने के लिए सरकारी नियमों के अनुसार फीस लगेगी।

पहले यह होता था : नीमा के अनुसार पहले महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस पूरी तरह से मुफ्त थे। फेल होने पर दूसरा अपॉइंटमेंट भी मुफ्त में ही मिल जाता था। इस कारण लाइसेंस बनवाने वाली महिलाएं भी बढ़ी थी।

इसलिए हो रहा ऐसा : स्मार्टचिप कंपनी के अधिकारियों के अनुसार सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद अब आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। पहले अपॉइंटमेंट में इस विकल्प को खाली छोड़ दिया जाता था लेकिन अब आधार कार्ड की जानकारी सर्वर पर सेव हो जाने से दूसरी बार उसी आधार कार्ड के अपॉइंटमेंट लेने पर उससे पैसे लग रहे हैं।

कई महिलाएं चला रही कमर्शियल वाहन

महिलाओं के लाइसेंस फ्री करने के बाद शहर में लाइसेंस बनवाने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हो गई थी। एक संस्था ने महिलाओं के लाइसेंस बनवाकर उन्हें कमर्शियल लाइसेंस में अपडेट करवाया और प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न् जगहों पर ड्रायवर की नौकरी दिलवा दी। आज भी कई महिलाएं कचरा गाड़ी से लेकर दूसरे कमर्शियल वाहन चला रही हैं।

महिलाओं के लाइसेंस मुफ्त हैं। सिस्टम में अचानक ऐसा बदलाव क्यों हो गया है इसकी जानकारी निकाल रहे हैं। मुख्यालय में चर्चा कर पूर्व स्थिति निर्मित करवाई जाएगी। – अर्चना मिश्रा, लाइसेंस शाखा प्रभारी