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दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण कवि कोकिल ‘विद्यापति’ पर हो सकता है, सीएम नीतीश ने की सिफारिश

दरभंगा एयरपोर्ट का नाम कवि कोकिल ‘विद्यापति’ के नाम पर हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागिरक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र में कहा है कि आप अवगत हैं कि विद्यापति केवल कवि मात्र नहीं थे। वह बिहार और मिथिला के लोगों के दिलों में बसते हैं।

मिथिलावासियों के साथ-साथ मेरी भी भावना है कि दरभंगा एयरपोर्ट को ‘विद्यापति एयरपोर्ट’ के नाम से अधिसूचित किया जाय। पत्र भेजने के बाद बुधवार शाम में मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर उड्डयन मंत्री से बात भी की। मुख्यमंत्री को उन्होंने आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र समुचित कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि दरभंगा में 24 दिसंबर 2018 को एयरपोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में मैंने इसका नामकरण विद्यापति एयरपोर्ट करने का प्रस्ताव दिया था, जिसपर तत्कालीन केंद्रीय उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने अपनी सहमति भी दी थी। मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया है कि हवाई यात्रियों की बढ़ती मांगों के मद्देनजर यहां से उड़ानों की संख्या बढ़ाने और अन्य विमानन कंपनियों की सेवाओं को यहां से जोड़ने की जरूरत है। 

दरभंगा को देश के कुछ और प्रमुख शहरों से संपर्कता देने के लिए सीधी विमान सेवा उपलब्ध कराना आवश्यक है। इस एयरपोर्ट के चालू होने के बाद कम समय में ही काफी लोग इसका प्रयोग करने लगे हैं। भविष्य में इसके विकास की काफी संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि यहां स्थायी टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए एयरफोर्स की चिह्नित भूमि को दरभंगा एयरपोर्ट को शीघ्र हस्तांतरित करायी जाय। राज्य सरकार द्वारा एयरफोर्स के लिए जरूरी 31 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की राशि आवंटित कर दी गई है।

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में हो विकसित
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (कार्गो सहित) के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। इसके लिए एयरपोर्ट के विस्तार के साथ-साथ यहां रात्रि में विमानों के आवागमन की सुविधा उपलब्ध करायी जाय। जाड़े के मौसम में धुंध की वजह से कम दिखाई देने की समस्या से निदान के लिए आवश्यक उपकरण लगाये जायें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एयरपोर्ट की चहारदीवारी की ऊंचाई काफी कम है और परिसर के बाहर से हवाई जहाज को आसानी से देखा जा सकता है। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इसलिए चहारदीवारी की ऊंचाई जल्द बढ़ाई जाय। यदि आवश्यक समझा जाता है और केंद्र सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान की जाती है तो राज्य सरकार इस कार्य को कर सकती है।