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राहत भरी खबर! रेलवे जल्दी करेगा पैसेंजर्स ट्रेनों का परिचालन, ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी

दानापुर रेल मंडल समेत पूर्व मध्य रेल में जल्द ही सवारी ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा। साथ ही दूसरे शहरों के लिए ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस्लामपुर से नटेसर के बीच तीसरी लाइन का काम पूरा होने से पटना से रांची की दूरी भी अब कम होगी। यह घोषणा पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललितचंद्र त्रिवेदी ने की। महेंद्रू स्थित पूर्व मध्य रेल के सभागार में महाप्रबंधक इस वर्ष बजट आवंटन व जोन की उपलब्धियों पर पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। 

महाप्रबंधक ने बताया कि यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर जल्द ही सवारी ट्रेनों का परिचालन अलग अलग रेलखंड पर शुरू किया जाएगा। वहीं, ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इस संबंध में जोन की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। सब कुछ ठीक रहा तो फरवरी के अंत तक सवारी ट्रेनों के परिचालन की शुरुआत हो सकती है। उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेल देश का पहला जोन है जहां सरकार ने अनारक्षित ट्रेनों के परिचालन को अनुमति दी थी। कहा कि जोन में अभी 216 जोड़ी मेल एक्सप्रेस व 39 जोड़ी सवारी गाड़ी चल रही है। 

वहीं, यात्रियों की सुविधा का जिक्र करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि जोन में अब यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर सीढ़ी न चढ़ना पड़े, इसके लिए अंडर पास बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा स्वचालित प्रणाली से होगी। पहले धनबाद से डीडीयू के बीच 414 किमी के लिए ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के लिए 494 करोड़ की स्वीकृति मिली थी। लेकिन इस बार के बजट में पूरे जोन की 1563 किमी की दूरी के लिए भी आवंटन मिला है। 

इस वर्ष तक दीघा रेल पुल के डबलिंग के काम को पूरा कर लेने का दावा रेलवे जीएम ने किया। साथ ही पटना जिले के नेउरा से दनियावां और दनियावां से बिहारशरीफ, बरबीघा होते शेखपुरा रेललाइन के काम में तेजी लाने और कोडरमा तिलैया के काम को तेजी से पूरा कराने के दावे किए। मौके पर रेल बजट में पूर्व मध्य रेल को मिले बजट आवंटन व अलग-अलग परियोजनाओं में मिली राशि व परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति से रूबरू कराया। मौके पर जोन के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष भी मौजूद रहे। 

जल्द बनकर तैयार होगा मीठापुर आरओबी
पटना जंक्शन के समीप गया लाइन गुमटी के ऊपर बन रहे मीठापुर आरओबी के निर्माण का रास्ता साफ होने की बात जीएम ने कही। उन्होंने बताया कि इस आरओबी के डिजाइन में खामी के बाद आईआईटी से तैयार किए गए डिजाइन को सरकार के सामने पेश किया गया लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद मंत्रालय से मिले निर्देश पर इसके लिए एक एजेंसी का चयन कर लिया गया है। चेन्नई की एजेंसी दो महीने में रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद इसकी मंजूरी मिलते ही अधूरा निर्माण पूरा होगा। आरओबी के लिए गार्डर भी बनकर तैयार है। संभावना है कि इस वर्ष तक इसे पूरा करके चालू कर दिया जाएगा। इसके चालू होने से पटना की बड़ी आबादी को जाम से निजात मिलेगी। मीठापुर व कंकड़बाग मेन रोड से आने वाले लोगों को पश्चिमी पटना जाना आसान होगा। 

अगले वर्ष तक पूरा होगा विद्युतीकरण
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2023 तक भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण की योजना है। वहीं, ईसीआर में अब तक पांच में से चार रेलमंडल में 100 फीसदी विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में दानापुर मंडल के दिलदारनगर ताड़ीघाट, नटेसर व इस्लामपुर लाइन पर विद्युतीकरण का काम हो गया है। समस्तीपुर किशनपुर डबल लाइन और किसानपुर दरभंगा सिंगल लाइन का विद्युतीकरण हो गया है। दरभंगा सकरी जयनगर और मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी का भी हो गया है। समस्तीपुर के कुछ भाग को इसी वित्तीय वर्ष में विद्युतीकृत करके पूरी तरह इस लक्ष्य को पाया जाएगा। इससे जोन में इलेक्ट्रिक इंजनों को चलाने से रफ्तार में तेजी आने व खर्च में कमी होने की संभावना है। जीएम ने किसान रेल की शुरु़आत जोन के दानापुर मंडल से करने और अन्य उपलब्धियों की चर्चा की। ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने में पूर्व मध्य रेल के पहले नंबर पर होने के अलावा एलएचबी कोच में भी एक नंबर की उपलब्धि बताई। वहीं, स्क्रैप से होने वाली कमाई में भी जोन ने दो माह पूर्व ही लक्ष्य पूरा कर लिया है। जोन ने 230 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में बाकी मंडलों में भी कई लाइन पर काम हुआ है। 

पटना से रांची की दूरी होगी कम, बचेगा सफर का समय 
पटना से रांची आने-जाने वालों को अब कम समय में ही पहुंचने की सुविधा मिलेगी। पूर्व मध्य रेल की ओर से इस्लामपुर नटेसर लाइन का काम पूरा होने और रांची से कोडरमा के बीच टनेल का काम पूरा होने से दूरी कम होगी। सीपीआरओ ने बताया कि पटना से तीसरी लाइन बनने पर पटना से फतुहा, इस्लामपुर, नटेसर, तिलैया, कोडरमा व हजारीबाग होकर जाने से करीब 40 किमी दूरी कम होगी। वहीं, इस रूट पर ट्रेनों के इंजन बदलने में भी समय नहीं लगेगा। इस तरह लोगों को पहले की तुलना में तीन घंटे तक का समय बचने की संभावना है। 

4843 करोड़ रुपये हुआ है आवंटन
बजट में पूर्व मध्य रेल को 4843 करोड़ का राशि आवंटन हुआ है। वहीं आंतरिक साधनों, पीपीपी सहित अन्य माध्यमों से 6827 करोड़ रुपए का निवेश होगा। कोविड काल में किउल आरआरआई और कोसी ब्रिज के लंबित काम पूरे हो गए हैं। जल्द ही जयनगर से बरडीबास के बीच रेल परिचालन शुरू होगा। वहीं, बक्सर स्टेशन पर रामायण से जुड़े प्रसंगों को उकेर कर स्टेशन को अत्याधुनिक बनाने की योजना है। 

बजट में ये हुए हैं प्रावधान
नई लाइन के लिए 3944 करोड़
आमान परिवर्तन के लिए 390 करोड़ रुपए
दोहरीकरण योजना के लिए 3035 करोड़ रुपए
यात्री सुविधाओं के लिए 487 करोड़ रुपए
वर्क्सशॉप के लिए 135 करोड़
यातायात सुविधा को 25 करोड़ व पुल संबंधित कार्य को 72 करोड़ का आवंटन

पूर्व मध्य रेल को बजट में इस तरह का है आवंटन
– पूर्व मध्य रेल के लिए इस वर्ष कुल 11671 करोड़ का आवंटन
– यात्री सुविधाओं के लिए 487 करोड़ का आवंटन, सिग्नलिंग पर 161 करोड़ का आवंटन, नई लाइन के लिए 3944 करोड़ का आवंटन, डबलिंग के लिए 3035 करोड़ का आवंटन
– कुल 57 नई लाइन, गेज परिवर्तन, दोहरीकरण की है परियोजना
– 16 नई लाइन व डबलिंग के 1272 किमी के लिए 22 हजार करोड़ होंगे खर्च 
– बख्तियारपुर बाढ़ के बीच तीसरी लाइन का दोहरीकरण
– घोसवर वैशाली के बीच 30 किमी नई लाइन बनेगी
– 52 स्टेशनों पर रीयल टाइम बेसिस पर आरपीएफ कर रहा निरीक्षण
– एक अप्रैल 2020 से 20 जनवरी 21 तक 840 करोड़ की आय यात्रियों से 
– यात्रियों से होने वाली आय में पूर्व मध्य रेल देश में दूसरे नंबर पर
– माल से होने वाली आय 11147 करोड़ रुपए, देश में तीसरे नंबर पर