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उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे में बिहार के चार युवक लापता, 40 घंटे बाद भी संपर्क नहीं होने से परिजन परेशान

उत्तराखंड में आए जलप्रलय में बिहार के भी चार लोग लापता हैं। इनमें से तीन वहां चल रहे प्रोजेक्ट में काम करते थे। वहीं समस्तीपुर का एक युवक भी चमौली के पास ही मजदूरी करता था। ग्लेशियर टूटने की घटना के 40 घंटे बीतने के बाद भी इनका पता नहीं चल पाया है। परिजनों से इनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह संख्या बढ़ सकती है। 

पटना जिले के रानीतालाब थाने के निसरपुरा निवासी स्वर्गीय मदन मोहन सिंह के इंजीनियर पुत्र मनीष कुमार लापता हैं। दिसंबर 2020 पहले ही उनकी शादी हुई थी। वे वहां ओम मेटल इंफ्राटेक पावर प्रोजेक्ट में इंजीनियर हैं। इसी प्रोजेक्ट में काम करने वाले गोपालगंज के सोहागपुर निवासी सुरेश प्रसाद के पुत्र नेमधारी प्रसाद (34 वर्ष) भी लापता हैं। वहीं, छपरा के दाउदपुर थाने के वरवां गांव के विनोद सिंह उर्फ मुन्ना सिंह भी लापता हैं। वे तपोवन स्थित एनटीपीसी में एक पेटी कांट्रैक्टर के अधीन सुपरवाइजर का काम करते हैं।

उत्तरखंड जलप्रलय में समस्तीपुर का नरेश भी लापता
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाने के वासुदेवपुर गांव का एक व्यक्ति उत्तराखंड के चमोली में हुए जलप्रलय के बाद से लापता है। उसकी कोई जानकारी नहीं मिलने से घर के लोग परेशान हैं। लापता व्यक्ति का नाम नरेश दास बताया जा रहा है। वह जीके दास का पुत्र है। घर में उसकी पत्नी ममता देवी और एक पुत्र व पुत्री है।

वासुदेवपुर के मुखिया चंद्रगुप्त शर्मा ने बताया कि नरेश करीब दस साल पहले घर से भाग कर उत्तराखंड चला गया था। वह वहां चमौली के पास मजदूरी करता था। घर नहीं आता था लेकिन बीच-बीच में मोबाइल पर कॉल कर बात करता रहता था। उसके परिवार के लोग यहां मजदूरी कर जीवन गुजार रहे हैं। मुखिया ने बताया कि उत्तराखंड में हुए हादसे के बाद से नरेश का कोई पता नहीं चल रहा है। जिस नम्बर से वह घर के लोगों से बात करता था वह लग नहीं रहा है। इससे उसके घर के लोग परेशान है।