नोटबंदी जैसे बड़े फैसले लेने के बाद अब मोदी सरकार अब यूनिवर्सल बेसिक इनकम जैसा अहम फैसला ले सकती है। इसके अंतर्गत देश के हर नागरिक को महीनें की आमदनी के तौर पर एक तयशुदा रकम दी जाएगी। आम बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है। अनुमान यह भी है की ज़रूरतमंदों के लिए इसे लागू किया जा सकता है, जिनके पास कमाई का कोई साधन नही हैं।
जरूरतमंदों को हर महीने मिल सकते हैं 5 सौ रुपए-
सूत्रों के मुताबिक आर्थिक सर्वे और आम बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। हो सकती है सरकार देश के हर नागरिक को न सही लेकिन जरूरतमंदों के लिए ये स्कीम लागू करे। ये जरूरतमंद वो लोग हो सकते हैं जिनके पास आमदनी का कोई जरिया न हो। सरकार हर अकाउंट में 5 सौ रुपए डालने की योजना शुरू कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो देशभर के करीब 20 करोड़ लोगों का इसका फायदा मिलेगा।
स्कीम पर अंतिम मुहर बाकी
जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम पर चर्चा पूरी हो चुकी है लेकिन इसे लागू करने के लिए अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। इस प्रस्ताव को लंडन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने तैयार किया है। सरकार से जुड़े एक शख्स ने संकेत दिए हैं कि बजट में इसका ऐलान हो सकता है।
इंदौर में सफल रहा प्रोजेक्ट
इंदौर के आठ गांवों में 6 हजार की आबादी के बीच 2010 से 2016 के बीच इस स्कीम का प्रयोग किया गया था। ये प्रयोग सफल भी रहा था। दिल्ली में भी दौ सौ लोगों के बीच ये प्रयोग सफल रहा। इन दोनों जगहों की केस स्टडी देखने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया।
जीडीपी के 3 से 4 फीसदी खर्च
स्कीम को पूरे देश में लागू किया जाता है तो जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च आएगा। अभी जीडीपी का 4 से 5 फीसदी सरकार सब्सिडी में खर्च कर रही है। स्कीम को लागू करने के बाद सरकार को चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी समाप्त करने की दिशा मे भी कदम उठाना पड़ेगा। यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम और सब्सिडी दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती। इसके अलावा इस स्कीम के लिए सरकार माइनिंग और बड़े प्रॉजेक्ट पर अलग से सरचार्ज निकालकर राशि जुटा सकती है।