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NHAI ने दिया टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का आदेश, 600 करोड़ जारी, किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा : कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस-वे

कोरोना काल में ब्रेक लगने के बाद कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की गाड़ी चल पड़ी है। एनएचएआई ने टेंडर के लिए आदेश जारी कर दिए हैं और इसी महीने टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा। साथ ही लखनऊ और उन्नाव प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण में 60 फीसद किसानों के नामों की सूची एनएचएआई को सौंप दी है। 

इसी पर मुआवजा बांटने के लिए 600 करोड़ रुपए एनएचएआई ने जारी भी दिए हैं। धनराशि दोनों प्रशासन के खाते में ट्रांसफर भी होना शुरू हो गई है। अब जैसे-जैसे मुआवजा बंटेगा, मुआवजा किसानों के खाते में ट्रांसफर होता जाएगा। निर्माण एजेंसी नामित करने के लिए टेंडर हो जाएगा। 

अभी तक दस कंपनियों ने टेंडर भरने में रुचि दिखाई है इसमें विदेश की भी दो कंपनियां हैं। इस बीच अमौसी एयरपोर्ट, वन विभाग और रेलवे ने भी एनओसी एनएचएआई को दे दी है। एक्सप्रेसवे में किसानों से 513 हेक्टेयर जमीन को लेकर तैयारी की गई है। 90 फीसदी जमीन अधिग्रहण का मसौदा पूरा भी हो गया है। 

उन्नाव के 31 और लखनऊ प्रशासन ने अपने जिले के 11 गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए धारा 3ए का ड्राफ्ट सूची के साथ पूरा कर एनएचएआई को सौंप दिया है। एक्सप्रेस वे के निर्माण में 4500 और जमीन अधिग्रहण में 900 करोड़ खर्च होंगे। 

यह है एलाइनमेंट
कानपुर की बात करें तो अचलगंज जंक्शन (आजाद मार्ग से आगे 3 किलोमीटर से एक्सप्रेस शुरू होगा) से यह शुरू होगा। बनी से एलीवेटेड पुल के सहारे एक्सप्रेस वे स्कूटर इंडिया के पास से रिंग रोड से जुड़ेगा। साथ ही सरैया क्रॉसिंग से भी कानपुर की कनेक्टिविटी का रास्ता दिया जाएगा। एक्सप्रेस वे की बनी तक ग्रीनफील्ड 66 किलोमीटर की होगी। एक्सप्रेस-वे मौजूदा एनएच-25 फोरलेन से 3.5 किलोमीटर दूर से समानांतर बनेगा। 

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएन गिरि ने कहा, ‘टेंडर जारी करने के आदेश कर दिए गए हैं। इसी महीने के अंत तक टेंडर जारी हो जाएगी, उसी के हिसाब से निर्माण एजेंसियों को आमंत्रित किया जाएगा। टेंडर से पहले तमाम एजेंसियों ने खुद लेने की पहल की है। इस साल के अंत या नए साल की शुरुआत में एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो जाएगा।’