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बलिया के समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की बढ़ी बेचैनी

05_01_2017-akhileshyadavमुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव, चाचा शिवपाल के  बीच सुलह नही  होने से से स्थानीय प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। उन्हें डर सता रहा है कि अगर उन्हें चुनाव चिह्न साइकल न मिला और पिता-पुत्र एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप करते रहे तो उनके हाथ में जीत फिसल सकती है। दूसरी पार्टियों को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रदेश भर से युवा सपाई अखिलेश के समर्थन में लखनऊ पहुंचे है ।

निष्कासन वापस होने के  बाद अखिलेश ने समर्थकों को अपने-अपने जिलों में लौटने को कहा था। जिन प्रत्याशियों को अखिलेश ने टिकट दिया था उन्हें चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा था।

बांस डीह से  शिवपाल ने प्रदेश के कद्दावर मंत्री रामगोविंद चौधरी का टिकट काटकर रामगोविंद के समर्थक रहे सहतवार नगर पंचायत के चेयरमैन प्रतिनिधि  नीरज सिंह गुडू को प्रत्याशी बनाकर बलिया सहित प्रदेश की राजनीति में भूचाल की शुरुआत कर दिया । अखिलेश यादव ने इस सूची के विरोध में जो अपनी सूची निकाली उसमे रामगोविंद चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है |  क्षेत्र में जुलूस निकालने के बाद प्रत्याशी अब सुलह के  इंतजार में बैठे हैं।

चुनाव चिह्न बदलने के डर से वह बैनर पोस्टर भी नहीं छपवा रहे। शिवपाल गुट के उम्मीदवार भी वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। शिवपाल ने सभी आठ सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बलिया सदर विधान सभा और फेफना के शिवपाल समर्थक प्रत्याशी जो शिवपाल सिंह के गुट के प्रबल समर्थक माने जाते है का टिकट कटना तय मान कर अखिलेश समर्थक उम्मीदवार लखनऊ में डेरा डाले हुए है | सभी प्रत्याशी अखिलेश गुट से टिकट पाना चाह रहे है | बलिया नगर विधान सभा से अखिलेश गुट से नारद राय के विरोध में चुनाव लड़ने के लिए लक्षमन गुप्ता ,राजमंगल यादव ,पिंटू सिंह रामगोविंद चौधरी के यहा दरबार लगाए हुए है | आजकल बलिया समाजवादी पात्री का केंद्र रामगोविंद चौधरी का सरकारी आवास 20 गौतम पल्ली बना हुआ है | सभी लोग सुलह की उम्मीद लिए टकटकी लगाए बैठे है |