प्रकाशोत्सव के दौरान लालू प्रसाद के जमीन पर बैठने के मसले पर सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार कोई बयान दिया है. सोमवार को नीतीश ने सफल आयोजन पर पूरे प्रदेश के लोगों को बधाई दी तो विवाद को जबरन जन्म देने वाले लोगों को सुधर जाने की नसीहत भी दी.
सीएम ने नसीहत देते हुए कहा कि कुछ लोग मेन मिख निकाल रहे हैं कि लालू जी को जमीन पर क्यों बैठा दिया लेकिन ये बात शायद हर कोई जानता है कि लालू जी को हमने जमीन पर नहीं बिठाया.
कार्यक्रम का आयोजन गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी कर रहा था और पीएम, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम वहीं से तय किये जाते हैं. नीतीश ने कहा कि इस मसले पर लालू जी ने भी अच्छा जवाब दिया है. सीएम ने कहा कि इस आयोजन से यह बात साफ हो गयी है कि बिहार से बाहर के लोग नहीं बल्कि यहीं के कुछ लोग बिहार को बदनाम कर रहे हैं. नीतीश ने बिहार को बदनाम कर रहे लोगों को सुधर जाने की नसीहत भी दी.
संवाद के बाद पत्रकारों से बात करते ही नीतीश ने कहा कि हर महीने के चौथे सोमवार को सरकार आम लोगों की तरह केवल महागठबंधन के कार्यकर्ताओं का दरबार लगायेगी. इस दरबार में कुनबे यानि बिहार कैबिनेट के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे और कार्यकर्ताओं की बात, समस्याएं सुनेंगे.
सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि इस दरबार की शुरुआत 23 जनवरी से होगी. पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 21 जनवरी को बिहार में शराब बंदी को लेकर 11 किलोमीटर से भी अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनायी जायेगी जिसमें दो करोड़ लोग शामिल होंगे.
नीतीश ने इस आयोजन में सभी दलों के लोगों से शामिल होने की अपील की. नीतीश ने कहा कि यह विश्व रिकॉर्ड बनेगा. नोटबंदी के सवाल पर नीतीश ने पत्रकारों से कहा कि 21 जनवरी के बाद आपलोगों को जवाब मिल जायेगा.