श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी-20 में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और टीम 20 ओवर में महज 81 रन ही बना सकी। श्रीलंका के स्पिन गेंदबाजों ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को जमकर नाच नचाया और एक-एक करके पवेलियन की राह दिखाई। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी टीम के युवा बल्लेबाजों की बैटिंग से काफी नाखुश नजर आए। सहवाग ने कहा कि टीम टी-20 में अपना लोएस्ट टोटल बनाने से बच गई यह मैच का सबसे बड़ा पॉजिटिव रखा। पूर्व भारतीय ओपनर ने कहा कि नीतीश राणा के पास खुद को साबित करने का शानदार मौका था, जो उन्होंने गंवा दिया। ‘क्रिकबज’ के साथ बातचीत करते हुए सहवाग ने कहा, ‘मैं यही कहूंगा कि यह भारत का दिन नहीं था, सीरीज में ऐसा एक मैच आता है जहां या तो मेजबान या फिर मेहमान टीम बिखर जाती है। तो हम समझ सकते हैं कि भारत के लिए भी कुछ ऐसा ही दिन था। मुझे लगा था कि यह नया विकेट है, लेकिन फिर भी भारत को कम से कम 130-135 रन बनाने चाहिए थे पर मुझे नहीं लगा था कि वह 80 तक भी पहुंच पाएंगे। सिर्फ एक ही चीज पॉजिटिव रही कि वह अपना सबसे कम स्कोर बनाने से बच गए। लेकिन मुझे गेंदबाजी कुछ खास नजर नहीं आई। तीन खिलाड़ी स्पिनर के खिलाफ एलबीडब्ल्यू आउट हुए, जो हम काफी कम देखते हैं। और अगर पांच में से आपके तीन बल्लेबाज लेग एलबीडब्ल्यू आउट हो जाएं तो इससे मुश्किलें पैदा होती हैं। मुझे लगा कि नीतीश राणा वह बल्लेबाज होंगे जो अर्धशतक लगाकर भारत को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाएंगे, लेकिन वह मौके को भुनाने में नाकाम रहे।’श्रीलंका की तरफ से वानिंदु हसरंगा ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए तीसरे टी-20 में अपने चार ओवर के स्पैल में महज 9 रन देकर 4 विकेट झटके। उनकी शानदार गेंदबाजी के आगे भारतीय युवा बल्लेबाज पूरी तरह से पस्त नजर आए और टीम की ओर से कुलदीप यादव ने सबसे अधिक 23 रन बनाए। श्रीलंका ने भारत के खिलाफ पहली बार टी-20 सीरीज को अपने नाम किया। हसरंगा ने टी-20 सीरीज में 7 विकेट चटकाए, जिसके लिए उनको मैन ऑफ द मैच चुना गया।