दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई इन दिनों काफी चर्चा में हैं। बीसीसीआई ने साउथ अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हर्शल गिब्स को कश्मीर प्रीमियर लीग में खेलने से मना कर दिया। इसपर गिब्स ने ट्विटर का सहारा लेकर बीसीसीआई पर गंभीर आरोप लगाए उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होकर मुझे कश्मीर प्रीमियर लीग में खेलने से रोक रही है। इसके साथ ही वे मुझे धमकी दे रहे हैं कि अगर मैं ऐसा करता हूं तो मुझे भारत में एंट्री नहीं मिलेगी।’ इसपर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने गिब्स और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को जवाब देते हुए कहा है कि भारतीय बोर्ड को अपने अधिकारों की समझ है और हम अपने देश के क्रिकेटिंग इकोसिस्टम को देखते हुए फैसला लेते हैं।
बीसीसीआई के अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘पीसीबी उलझन में है। जिस तरह से पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ियों को आईपीएल में भाग लेने की अनुमति नहीं देने के फैसले को आईसीसी सदस्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में नहीं माना जा सकता है। भारत शुद्ध रूप से बीसीसीआई का आंतरिक मामला है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘एक पूर्व खिलाड़ी द्वारा दिए गए बयान की सत्यता की न तो पुष्टि की जा सकती है और ना ही इंकार किया जा सकता है, जो पहले मैच फिक्सिंग जांच में शामिल हो चुका है। तथ्य यह है कि भारतीय क्रिकेट की वर्ल्ड लेवल पर क्रिकेट के अवसरों की सबसे अधिक मांग है। पीसीबी को इससे ईर्ष्या नहीं नहीं करनी चाहिए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘आईसीसी में इस मामले को उठाने के लिए उनका स्वागत है और कोई भी समझ सकता है कि यह कहां से आ रहा है। लेकिन उन्हें यह खुद पूछने की जरूरत है कि क्या यह उनके कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप के कारण है क्योंकि उनके संविधान के अनुसार पाकिस्तान के पीएम आधिकारिक तौर पर उनके संरक्षक हैं। यह विचार करने का समय है कि क्या इस मुद्दे को आईसीसी में भी भी उठाया जाए।’