Twitter को भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo कड़ी टक्कर दे रही है। इसी कड़ी में कू ने अब अपने यूजर्स को वेरिफाइ करना शुरू कर दिया है। कू ऐप यूज करने वाले वेरिफाइड यूजर्स को कंपनी येलो टिक देगी। कंपनी का यह येलो टिक यूजर के अकाउंट की Eminence को दर्शाता है। कंपनी इस येलो टिक के लिए यूजर्स को अप्लाई करने के लिए कह रही है।
काफी रिसर्च के बाद मिलेगा येलो टिक
कू ने कहा कि एमिनेंस के लिए आने वाले रिक्वेस्ट्स का आंकलन इंटरनल रिसर्च, थर्ड-पार्टी पब्लिक रिसोर्स और भारत के संदर्भ में होगा। कंपनी के इस एमिनेंस क्राइटीरिया को हर साल मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में रिव्यू किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि अब तर आए सभी रिक्वेस्ट्स के लगभग 1 प्रतिशत यूजर्स को ही येलो टिक दिया गया है।
जिम्मेदार यूजरबेस बनाने की कोशिश
एमिनेंस के नियमों पर बात करते हुए कू के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, ‘कू एमिनेंस टिक बताता है कि यूजर भारत और भारतीयों की आवाज का एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि है। हमने भारत की स्थानीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी प्रकिया तैयार की है और हम पारदर्शिता का ख्याल रखते हुए एक ऐसा यूजरबेस बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो इंटरनेट पर जिम्मेदारी के साथ अपनी बात कहे’।
भारतीयों के येलो टिक पाने की अच्छी संभावना
कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका कहते हैं, ‘हमें गर्व है कि कू ने एमिनेंस को पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने के लिए अपना एक क्राइटेरिया बनाया है। चूंकि एमिनेंस का मूल्यांकन भारत के संदर्भ में किया जाता है। ऐसे में भारतीयों के येलो टिक पाने की संभावना काफी अच्छी है। यह डिजिटल बातचीत को दिलचस्प और रचनात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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