Pradhan Mantri Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सस्ते होम लोन के लेनदारों को ब्याज सहायता के तौर पर अब तक 30,000 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। यह दावा राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने किया। यह योजना जून 2016 में शुरू हुई थी। एनएचबी के कार्यकारी निदेशक राहुल भावे ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार की योजना के हिस्से के तौर पर पात्र कर्ज लेनदारों को पिछले पांच साल के दौरान हमने 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत शुरू की गई क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) का लाभ बहुत से घर खरीदारों को नहीं मिल रहा है। सब्सिडी लटकने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे….
आय सीमा गलत चयन
- पीएमएवाई के तहत छूट का लाभ लेने के लिए आय की सीमा तीन लाख, छह लाख और 12 लाख रुपये तय की गई है।
- अगर कोई व्यक्ति तीन लाख रुपये आय सीमा में आता है तो उसे 2.67 लाख की छूट मिलेगी। वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आएगा।
- इसी तरह 6 लाख तक आय वाला व्यक्ति एलआईजी और 6-12 लाख तक आय वाला एमआईजी-1 और 12-18 लाख वाला एमआईजी-2 श्रेणी में आएगा।
- अगर कोई व्यक्ति की आय और घर की श्रेणी में अंतर पाया जाता है तो उसकी सब्सिडी रुक जाती है।
पहले से आपका घर का होना
PMAY के सीएलएसएस के तहत छूट पाने के लिए अनिवार्य है कि वह पहली दफा घर खरीद रहा हो, यानी उसके नाम पर पहले से कोई घर नहीं हो। अगर किसी व्यक्ति के नाम पर पहले से घर है तो उसको इस छूट का लाभ नहीं मिलता है।
आधार और दस्तावेज पर नाम में अंतर
विशेषज्ञों के अनुसार, फॉर्म भरते समय गलतियां भी सब्सिडी पाने में देरी का एक और कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, आधार और अन्य दस्तावेजों पर नाम में अंतर होने पर देरी हो सकती है।
संपत्ति की सह मालिक में महिला का नाम
छूट पाने के लिए जरूरी है कि जिस प्रॉपर्टी पर सब्सिडी ली जा रही है उसमें महिला सह मालिक और सह-उधारकर्ता हो। इसके नहीं होने से सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।
सरकारी एजेंसियों की लेटलतीफी
वर्तमान में, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हुडको), नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पीएमएवाई के तहत मिले आवेदन की छंटनी करता है। जांच प्रक्रिया देरी होने से घर खरीदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
2.67 लाख तक मिलती है सब्सिडी
पीएमएवाई के तहत सस्ते होम लोन के लिए तीन प्रतिशत तक की ब्याज सब्सिडी दी जाती है। हालांकि, इसमें प्रत्येक पात्र कर्ज लेनदार के लिए एकबारगी सब्सिडी को अधिकतम 2.67 लाख रुपये रखा गया है। यह योजना जून 2016 से लागू हुई और इसे राष्ट्रीय आवास मिशन के एक हिस्से के तौर पर शुरू किया गया। राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ ही हुडको और भारतीय स्टेट बैंक को इस योजना के तहत कर्जदाता संस्थान को सब्सिडी जारी करने और उसकी प्रगति पर निगरानी रखने के लिए शीर्ष केन्द्रीय एजेंसी नियुक्त किया गया है। \