हरियाणा में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अब तक राजद्रोह के दो मामले और 136 अन्य एफआईआर दर्ज की गई हैं। हरियाणा विधानसभा में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
कांग्रेस विधायक बी.बी. बत्रा के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ अब तक 136 प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं। इसके अलावा किसानों के खिलाफ राजद्रोह को लेकर आईपीसी की धारा 124-ए के तहत दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।
उत्तर के अनुसार, 18 जिलों में मामले दर्ज किए गए थे और 136 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो दंगा, घातक हथियार से लैस, आदेश की अवज्ञा, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने सहित विभिन्न धाराओं से संबंधित हैं।
सभी 138 मामले सितंबर 2020 से अब तक दर्ज किए गए हैं। अनिल विज ने कहा कि शिकायतकर्ताओं के बयान के आधार पर दो मामले दर्ज किए गए हैं।शून्यकाल के दौरान, कांग्रेस विधायकों ने
का मुद्दा उठाया और कहा कि हजारों किसान लगभग नौ महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। बत्रा ने कहा कि किसानों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जा रहा है और उन्होंने इस तरह के प्रावधान को लागू करने की आवश्यकता पर सवाल उठाया।
वहीं, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुद्दा सिर्फ हरियाणा के किसानों का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता हुड्डा ने कहा कि नौ महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे किसानों की उपज खरीदने को दंडनीय अपराध बनाते हुए कानून क्यों नहीं बना सकती?