राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना बंदी के बाद एक बार फिर स्कूल खुलने जा रहे हैं। जिसके तहत एक सितंबर से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खुलेंगे। इस फैसले के बाद शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में कोरोना से बचाव के लिए प्रभावी उपायों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। जिसके तहत छात्रों के बीच आपस में टिफिन, किताबें समेत स्टेशनरी साझा करने में मनाही होगी। वहीं स्कूलों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए स्कूल परिसर में ही पृथक कक्ष (क्वारंटाइन) तैयार करना होगा।
अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही छात्रों को स्कूल बुलाया जा सकेगा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भले ही 1 सितंबर से स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन स्कूल अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही छात्रों को स्कूल बुला सकेंगे। वहीं निदेशालय ने अभिभावकों को कहा है कि परिवार में किसी सदस्य को कोराना संबंधी लक्षण होने पर वह अपने बच्चों को स्कूल ना भेजे हैं। वहीं निदेशालय ने ऐसे अभिभावकों को भी अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने को कहा है, जिनका बच्चा किसी गंभीर बीमारी से संक्रमित है।
स्कूल संचालित करने की योजना पर एसएमसी संग बैठक करेंगे स्कूल प्रमुख
कोरोना बंदी के बाद वापस स्कूल संचालित करने की योजना को स्कूल प्रमुख बनाएंगे, लेकिन उसे स्कूल प्रबंधन समिति के साथ बैठक के बाद ही लागू किया जाएगा। निदेशालय ने जारी दिशा-निर्देशों में आवश्यक रूप से बैठक करने को कहा है, यह बैठक समय-समय पर होंगी, जिसमें कोरोना प्रोटोकॉल और योजना की समीक्षा की जाएगी।
एक कक्षा में 50 फीसदी छात्रों ही बिठाए जांएगे
शिक्षा निदेशालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक स्कूल प्रमुखों को कोरोना नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हुए कक्षाओं व प्रयोगशाला की क्षमता के मुताबिक योजना बनानी होगी। जिसके तहत एक कक्षा में 50 फीसदी छात्रों को ही बिठाने की सलाह शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को दी है। इस दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
साथ ही निदेशालय ने स्कूल परिसर में हाथ धोने के लिए प्रर्याप्त वाशबेसिन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं निदेशालय ने भीड़ से बचने के लिए स्कूल लगाने के कार्यक्रम व लंच ब्रेक के कार्यक्रम को अलग से व्यवस्थित करने को कहा है। इसके साथ ही निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को कहा है कि वह नियमित तौर पर स्कूल परिसर को सैनिटाइज करने के साथ ही गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी करें।
एक पाली के खत्म होने के एक घंटे बाद शुरू होगी दूसरी पाली
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूल परिसर व बाहर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जिसके तहत स्कूल के प्रवेश व निकास गेट में किसी भी तरह की भीड़ बचने की सलाह देते हुए निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वह एक पाली खत्म होने एक घंटे बाद दूसरी पाली शुरु करें।
स्कूल खुलने पर छात्रों को मानसिक व भावनात्मक सहयोग करेंगे शिक्षक
स्कूल खुलने पर छात्रों के लिए स्कूल के माहौल को बेहतर बनाते हुए शिक्षक छात्रों को मानसिक व भावनात्मक सहयोग प्रदान करेंगे। जिसके तहत शिक्षक प्रत्येक छात्र से संवाद करेंगे और उनकी मौजूदा अकादमिक स्थिति के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही शिक्षक छात्रों को धीरे-धीरे पठन-पाठन के लिए तैयार करेंगे।
9 सदस्यीय ज्वाइंट एक्शन कमेटी
स्कूल खोलने के फैसले को लेकर 9 सदस्यीय ज्वाइंट एक्शन कमेटी बनाई गई थी। जिसकी अध्यक्षता शिक्षा निदेशक और विशेष सचिव स्वास्थ्य उदित प्रकाश राय ने की थी। वहीं कमेटी में 8 अन्य सदस्थ थे। जिसमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में संयुक्त सचिव डॉ मीरा धूरिया, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षा निदेशक सत्येंद्र सिंह दुरस्वात, महानिदेशक स्वास्थ्य दिल्ली डॉ नूतन मुंडेजा, डॉ ममता जाजो, एमएस चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, डॉ रीता शर्मा अतिरिक्त शिक्षा निदेशक स्कूल शिक्षा निदेशालय, एनसी जिंदल पब्लिक स्कूल पंजाबी बाग के प्रिंसिपल डीके पांडेय, डॉ अतुल कुमार स्कूल प्रमुख सर्वोदय विद्यालय ककरोला दिल्ली, दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्र के अभिभावक डॉ अनिशुर रहमान शामिल थे।
तीन चरणों में खुलेंगे स्कूल
ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन चरणों में स्कूल खोलने की सिफारिश की है। जिसके तहत पहला चरण 1 सितंबर से शुरु होगा, जिसमें से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलेंगे। वहीं 8 सिंतबर से कक्षा 6 से 8वीं तक के स्कूल खुलेंगे। वहीं तीसरे चरण में प्राइमरी और प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन दो चरणों की सफलता के बाद ही स्कूल खोलने का तीसरे चरण शुरु करने की सिफारिश ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने की है।
यह हैं प्रमुख बातें
– बिना मास्क छात्र, शिक्षक समेत किसी को भी नहीं मिलेगा प्रवेश
– लक्षण वाले छात्रों व कर्मियों का प्रवेश रोकने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की स्कूल गेट पर होगी तैनाती
– स्कूल गेट पर रोजाना अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही सभी को मिलेगा प्रवेश
– स्कूल गेट, कक्षा व प्रयोगशाला के बाहर हाथ साफ करने के लिए होगा सैनिटाइजार
– स्कूल प्रमुख कक्षाओं के हवादार बनाने को लेकर करेंगे व्यवस्था
– स्कूल परिसर में अतिथियों के प्रवेश पर रहेगी रोक, आपतकालीन स्थिति में कोरोना – प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अभिभावक ही कर सकेंगे प्रवेश
स्कूल संगठन ने फैसले का किया स्वागत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 सितंबर से स्कूल खोले जाने के फैसले का स्कूल संगठनों ने स्वागत किया है। दिल्ली में निजी स्कूलों के प्रमुख संगठन अनएडेट स्कूल एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि स्वागत योग्य फैसला है। लंबे समय बाद जब छात्रों की स्कूल में वापसी होगी। हमें यकीन है कि सभी इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
हालांकि स्वास्थ्य के बारे में सभी चिंतित हैं, लेकिन सभी सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करते हुए स्कूलों में पठन-पाठन शुरु होने जा रहा है। वहीं मयूर विहार फेस 3 स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ सतबीर शर्मा ने कहा कि छात्र बीते 16 महीनों से घर से ही मोबाइल के माध्यम से पढ़ रहे थे। जिसके कई फायदे के साथ ही कई नुकसान भी हैं, लेकिन बिना स्कूल के बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। ऐसे में स्कूल खोलने का फैसला स्वागत योग्य है।
छात्रों की सुरक्षा को लेकर स्कूल जमा कराए शपथ पत्र: अभिभावक संघ
दिल्ली में स्कूल खोलने के फैसले को लेकर दिल्ली अभिभावक संघ ने एतराज जताया है। संघ की अध्यक्षा अपराजिता गौतम ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए स्कूल खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा को लेकर अदालत में शपथ पत्र जमा कराने चाहिए।