बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के करीबी छात्र राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव लोजपा में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने आकाश को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज भी मौजूद थे। आकाश के ज्वाइन करते ही बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई है। उन्हें छात्र एलजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया है। एलजेपी ज्वाइन करने के बाद आकाश ने तेजस्वी यादव पर हमला भी किया
आकाश ने कहा कि जिस तरह से छात्र आरजेडी के पद से हटाया गया वह गलत था। राजनीति को कलंकित करने का काम हुआ है। तेजस्वी यादव को अगर मुझे हटाना था तो बुलाकर समझाते। आज यह दिन नहीं देखना होता। एलजेपी में आने के फैसले और तेज प्रताप यादव की सहमति पर कहा कि यह मेरा खुद का फैसला है। मैं आजाद युवा हूं। युवा यादव के प्रति आरजेडी का रवैया खराब है, इसलिए मैंने यह फैसला लिया है।
आकाश यादव के लोजपा ज्वाइन करने के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। लोजपा पारस गुट पर नीतीश कुमार और भाजपा का प्रभाव माना जाता है। इसलिए यह भी चर्चा है कि आकाश को लोजपा पारस गुट में शामिल करा राजद का विरोध करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आकाश को पद से हटाए जाने के बाद तेज प्रताप का गुस्सा बहुत भड़का था और उन्होंने अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेस कर पार्टी संविधान दिखाते हुए कोर्ट जाने तक की धमकी दी थी।
तेज ने कहा था कि आकाश को हटाने की जानकारी भी उन्हें नहीं दी गई थी और न ही हटाने के पहले कारण बताओ नोटिस जारी की गई। इस तरह से हटाने को तेज ने गलत कहा था। तेजप्रताप ने अपने बयानों से गुस्से का खूब इजहार किया, पर पार्टी में उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। आकाश यादव की पद पर वापसी नहीं की गई, न जगदानंद सिंह और न तेजस्वी के रणनीतिकार संजय यादव पर कोई कार्रवाई हुई। जबकि तेज ने कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
आकाश यादव के कारण राजद में बढ़ा विवाद
छात्र राजद के 8 अगस्त के आयोजन के लिए पार्टी कार्यालय के मुख्य गेट पर लगाए गए पोस्टर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का फोटो गायब कर दिया गया था। इसी कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर कहा था। आयोजन के दूसरे दिन आकाश के पोस्टर पर कालिख भी पोती गई थी। आकाश यादव को लेकर ही राजद में विवाद बढ़ गया था। छात्र राजद के सम्मेलन में तेज प्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर निशाना साधा तो पहले उन्होंने कई दिनों तक पार्टी कार्यालय से दूरी बना ली। 15 अगस्त को झंडा फरहाने भी नहीं पहुंचे। जब कार्यालय पहुंचे तो सबसे पहले छात्र राजद के अध्यक्ष पद से आकाश को हटा कर गगन कुमार को कमान सौंप दी थी। इसी के बाद से विवाद तेज हो गया था। तेज प्रताप ने उन पर हमला बोल दिया था। उन पर कार्रवाई होने तक कार्यालय नहीं जाने का ऐलान कर दिया था।