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फिर से राहत देने की तैयारी में सरकार, जानें किसे मिलेगा बूस्टर डोज

देश में कारोबार कर रही छोटी कंपनियों को सरकार स्टेच्युरी ऑडिट से राहत देने पर विचार कर रही है। सरकार का इरादा है कि देश में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही कंपनियों के ऊपर से कानूनी कामकाज का बोझ जितना संभव हो घटाया जाए। इसी मुहिम के तहत ये नई व्यवस्था बनाने पर काम चल रहा है।हिंदुस्तान को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक 2 करोड़ रुपए से कम पेडअप कैपिटल वाली कंपनियों को ये राहत दी जा सकती है। इसके तहत उन्हें रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास फाइलिंग के लिए ऑडिटर रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। साथ ही सालाना रिटर्न और बैलेंसशीट को सर्टिफाइ कराने की जरूरत भी खत्म की जा सकती है। इसे कंपनी सेक्रेटरी या फिर सिंगल डायरेक्टर भी सेल्फ सर्टिफाई कर सकता है।कंपनियों को टैक्स ऑडिट को लेकर पहले ही छूट दी जा चुकी है। वित्तवर्ष 2021-22 के बजट में वित्तमंत्री ने कारोबारियों के लिए कई तरह के रिटर्न और ऑडिट से राहत देने का ऐलान किया था। अब कॉरपोरेट मामलों का मंत्रायल इन नई छूट पर विचार कर रहा है। ताकि देश में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सके और पहले से मौजूद छोटी कंपनियों को कारोबार करना आसान हो।

विशेषज्ञों की राय में कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय जीएसटी, आयकर जैसे संवैधानिक कानूनों की तर्ज पर अगर ये छूट देती है तो सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही कारोबारी सुगमता जरूर बढ़ जाएगी।

टैक्स मामलों के जानकार योगेंद्र कपूर ने हिंदुस्तान को बताया कि सरकार का ये विचार सही दिशा में है। शुरुआती दौर में सरकार 2 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को ये राहत दे सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार के पास अलग-अलग विभागों में डिजिटाइजेशन प्रक्रिया के तहत डाटा और जानकारियां आती रहती हैं। ऐसे में सेल्फ सर्टिफिकेशन से सरकार को किसी भी तरह की आय का नुकसान होने की आशंका नहीं रहेगी। बाद में इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए टर्नओवर की सीमा बढ़ाई भी जा सकती है।