दरअसल राज्य चुनाव आयोग ने हाल ही में एक ऐसा आदेश गृह विभाग, बिहार सरकार को भेजा है कि तीन साल से जो भी थानेदार व दारोगा एक थाने में तैनात हैं, उन्हें दूसरे थाने में तबादला कर दिया जाए। एसएसपी ने बताया कि जिले में करीब 60 दारोगा ऐसे हैं जो तीन साल से एक ही थाने में हैं। आदेश आने के बाद उनका ट्रांसफर पटना जिले के ही दूसरे थाने में कर दिया जाएगा।
पार्टी पॉलिटिक्स के फेर में फंसे तो नप जाएंगे उम्मीदवार
आयोग ने तय कर दिया है कि कोई भी प्रत्याशी अगर किसी सियासी दल के झंडा-बैनर का इस्तेमाल करता है तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। यानि उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगने पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जुलूस के शुरू होने का समय और जगह स्थान, मार्ग और किस समय-स्थान पर जुलूस समाप्त होगा, यह पहले से तय कर पुलिस प्राधिकारियों से अग्रिम रूप से अनुमति लेनी होगी। जुलूस का रास्ता ऐसा होना चाहिए जिससे यातायात में कोई बाधा न पड़े। मतदाताओं को जारी पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज की होनी चाहिए। जिस पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक नहीं हो।