त्योहारी सीजन में नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको मायूसी हाथ लग सकती है। दरअसल, वाहन उद्योग कोरोना के बाद से चिप की कमी से जूझ रही है। इसके चलते गाड़ियों की उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इससे आपको नई गाड़ी मिलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। साथ ही त्योहारों पर मिलने वाले नकद और अन्य बंपर छूट से भी वंचित रहना पड़ सकता है।भारत की अग्रणी कार निर्माता मारुति सुजुकी ने कहा है कि वैश्विक चिप की कमी से सितंबर में हरियाणा और गुजरात राज्यों में कंपनी संयंत्रों में उत्पादन प्रभावित होगा। कंपनी ने बताया है कि अगले महीने दोनों संयंत्रों में उत्पादन मात्रा सामान्य उत्पादन से लगभग 60 फीसद कम हो सकता है। टाटा मोटर्स ने भी कहा कि चिप की कमी से उसका उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वाहन उद्योगों के विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में वैश्विक कार निर्माताओं के साथ भारतीय कार कंपनियां भी सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही हैं। मारुति सुजुकी के अलावा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टोयोटा जैसी बड़ी कंपनियां सेमीकंडक्टर (चिप) कमी का सामना कर रही हैं। इसके चलते नई गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड बढ़ रहा है। विदेशी कंपनियों ने भी कहा है कि उसका उत्पादन चिप की कमी से प्रभावित हो रहा है। ऐसे में त्योहारी सीजन में मांग की पूर्ति करना संभव नहीं होगा।
त्योहारी छूट की उम्मीद बहुत ही कम
इस बार के त्योहारी सीजन में आपको वाहन, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल फोन आदि कंपनियों से कम छूट मिल सकता है। दरअसल, चिप की कमी से वाहनों, स्मार्टफोन, टीवी, लैपटॉप और फ्रिज का उत्पाद हद तक प्रभावित हुआ है। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के बाद मांग तेजी से बढ़ी है, जिसकी भरपाई करना कंपनियों के लिए संभव नहीं हो रहा है। इसके चलते कंपनियां छूट में कमी कर रही हैं। कई प्रमुख वाहन निर्माताओं के अधिकारियों ने कहा कि वाहन कंपनियों के पास पहले से पांच लाख गाड़ियों की बुकिंग ले चुके हैं। उसके अनुपात में उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इसी तरह का रुझान दूसरे सेक्टर में है। इसका असर छूट पर पड़ना तय है। कंपनियां हमेशा मांग बढ़ाने के लिए छूट ऑफर करती है लेकिन इस बार उसकी कोई जरूरत नहीं है।
चिप इतना महत्वपूर्ण क्यों?
अगर आपके मन में यह सवाल हो कि एक छोटा चिप गाड़ियों के निर्माण में इतना महत्व कैसे रहता है तो हम आपको बताते हैं कि नए वाहन तेजी से अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लैस होते जा रहे हैं। अधिकांश वाहन में आजकल ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, ड्राइवर-सहायता सुविधाएं, नेविगेशन उपकरण और हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक सिस्टम लगे होते हैं। ये सुविधाएं चिप की बदलौत ही वहान कंपनियां उपलब्ध कराती है। अब इसकी कमी के बिना गाड़ियों का उत्पादन करना संभव नहीं है। चिप की कमी को दूर करने के लिए कंपनियां अपने उत्पादों में बदलाव करने के साथ सीधे सेमीकंडक्टर निर्माताओं से चिप खरीद तरीका अपना रही हैं। इसके अलावा कंपनियां चिप में बदलाव करके या उसके जगह अन्य चिप का इस्तेमाल करके चिप की कमी से निपट रही हैं।
क्यों हुई चिप की कमी?
चिप की कमी के लिए भी कोरोना जिम्मेदार है। दरअसल, वाहन कंपनियां चिप के निर्माण के लिए पहले से ऑर्डर देती रही हैं लेकिनकोरोना महामारी के कारण मांग और पूर्ति का खेल ऐसा बिगाड़ा कि दुनिया चिप शॉर्टेज की स्थिति में पहुंच गई। बीते साल कोरोना के चलते पूरी दुनिया तालाबंदी की स्थिति में पहुंच गई। इससे बिक्री गिरने से चिप बनाने वाली अमेरिका और चीन की कंपनियों को बहुत कम ऑर्डर मिले। इससे यह संकट पैदा हो गया।
त्योहारों की दस्तक से वाहनों की बिक्री बढ़ी
वाहनों की मांग में अगस्त महीने में भी तेजी दर्ज की गई। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने बुधवार को कहा कि अगस्त में उसकी कुल बिक्री 12.3 फीसद बढ़कर 59,068 इकाई रही। कंपनी ने पिछले साल इसी महीने में 52,609 इकाइयों की बिक्री की थी। कंपनी ने कहा कि अगस्त में घरेलू बिक्री 2.3 फीसद बढ़कर 46,866 इकाई हो गई, जो अगस्त 2020 में 45,809 इकाई थी। इसी तरह समीक्षाधीन अवधि में निर्यात बढ़कर 12,202 इकाई हो गया।
स्कोडा ऑटो इंडिया ने कहा कि अगस्त 2021 में उसकी बिक्री लगभग चार गुना होकर 3,829 इकाई रही। स्कोडा ऑटो इंडिया ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने पिछले साल इसी महीने में 1,003 इकाइयां बेची थीं। कंपनी ने कहा कि नई एसयूवी कुशाक की अच्छी मांग देखने को मिली। इसके अलावा ऑक्टेविया और रैपिड जैसे दूसरे मॉडलों की बिक्री भी तेज वृद्धि हुई। निसान मोटर इंडिया ने कहा कि अगस्त 2021 में उसके दो ब्रांडों निसान और डैटसन की थोक बिक्री लगभग चार गुना बढ़कर 3,209 इकाई हो गई। निसान मोटर इंडिया ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 810 इकाइयों की थोक बिक्री की थी। वाणिज्यिक वाहन निर्माता अशोक लीलैंड ने कहा कि उसकी कुल बिक्री अगस्त में 48 फीसद बढ़ाकर 9,360 इकाई हो गई। मारुति सुजुकी की बिक्री अग्रस्त में 4.87 फीसद बढ़कर 130699 इकाई पर पहुंच गई। कंपनी के अनुसार, अगस्त में कुल 130699 वाहन (निर्यात सहित) बेचे। हालांकि, इस अवधि में घरेलू बाजार में बिक्री 116704 से घटकर 110080 रह गई।
टैक्कर की बिक्री 21 फीसदी घटी
बजाज ऑटो, टोयोटा किर्लोस्कर, एमजी मोटर्स ने बुधवार को बताया कि अगस्त 2021 के दौरान उनकी बिक्री में बढ़ोतरी हुई है, जबकि एस्कॉर्ट्स ने बताया कि उसकी ट्रैक्टर बिक्री 21.7 फीसद घट गई। बजाज ऑटो ने कहा कि अगस्त 2021 में उसकी कुल बिक्री पांच फीसद बढ़कर 3,73,270 इकाई रही। कंपनी ने पिछले साल इसी महीने में कुल 3,56,199 इकाइयां बेची थीं। कंपनी ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी घरेलू बिक्री में सात फीसद की कमी हुई और यह 1,72,595 इकाई रही। बजाज ऑटो ने बताया कि उसकी कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री पांच फीसद बढ़कर 3,38,310 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 3,21,058 इकाई थी। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने बताया कि अगस्त 2020 की तुलना में इस साल अगस्त में उसकी घरेलू थोक बिक्री में दो गुना से अधिक इजाफा हुआ और यह 12,772 इकाई रही। एमजी मोटर ने बताया कि उसकी खुदरा बिक्री अगस्त में 51 फीसद की वृद्धि के साथ 4,315 इकाई रही। कंपनी ने अगस्त 2020 में 2,851 इकाइयों की बिक्री की थी।