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जानिए HOME LONE के फिक्स्ड और फ्लोटिंग इंटरेस्ट प्लान में क्या होता है अंतर

House owner/real estate agent giving away the keys - house out of focus

लखनऊ । अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस खबर को ध्यान से पढकर होम लोंन अप्लाई करे | आपको बता दें कि बैंक तीन तरह के इंटरेस्ट प्लान ऑफर करता है। यह तीन प्लान फिक्स्ड इंटरेस्ट, फ्लोटिंग इंटरेस्ट और फ्लेक्सी इंटरेस्ट प्लान होते हैं। इनमें से किसी भी प्लान का चयन करने से पहले यह जरूरी है कि इन तीनों के बीच का बारीक अंतर समझ लिया जाए।
जानिए फिक्स्ड, फ्लोटिंग और फ्लेक्सी इंटरेस्ट प्लान के बीच में क्या होता है अंतर? साथ ही यह भी जाने की किस समय किस प्लान का चयन करना बेहतर रहता है।

क्या होता फिक्स्ड होम लोन प्लान:

फिक्स्ड होम लोन प्लान में बैंक फिक्स्ड इंटरेस्ट चार्ज करते हैं। मसलन आपको बैंक से एक तय रेट पर होम लोन मिलता है। यदि किसी कारण से मार्केट में उतार-चढ़ाव या आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती के चलते इंटरेस्ट रेट में बदलाव आता भी है तो बैंक दिए हुए इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं करता। इससे आपके लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होता।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि भविष्य में ब्याज दर बढ़ने पर आपके ऊपर इसका तत्कािल असर नहीं होता है क्यों कि आपकी ओर से लिए गए लोन पर ब्याज दर नहीं बढ़ती है।

फिक्स्ड होम लोन के नुकसान:

भविष्य में इंटरेस्ट रेट में कटौती होने पर इसका फायदा आपको नहीं मिलता है। बैंक आपकी ओर से लिए गए लोन की ब्याज दरों में कटौती नहीं करता। आपको बता दें कि फिक्स्ड रेट पर होम लोन का इंटरेस्ट रेट एक से दो फीसदी ज्यादा होता है। बैंक ऐसा भविष्य में ब्याज दरों में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए करते हैं।]

लोन लेने से पहले रखें इन बातों का ख्याल:

यदि आप फिक्स्ड रेट पर होम लोन लेते हैं तो यह ध्यान रखें कि बैंक पूरे लोन टेन्योर के लिए फिक्स्ड रेट पर लोन नहीं देते हैं। फिक्स्ड रेट पर लोन केवल कुछ वर्षों के लिए ही होता है। इसके बाद बैंक इसे फ्लोटिंग रेट में तबदील कर देते हैं। इसीलिए जरूरी है कि लोन लेने से पहले बैंक से यह पूछ लें कि यह लोन कितने वर्षों तक फिक्स्ड रहेगा। कई बार बैंक फिक्स्ड रेट पर लोन देते हैं, लेकिन एक क्लॉज लगाकर लिख देते हैं कि यदि आने वाले महीनों में एक तय सीमा से ज्यादा ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है तो बचे लोन पर फ्लोटिंग रेट से इंटरेस्ट लिया जाएगा।

क्या होता है फ्लोटिंग होम लोन प्लान:

फ्लोटिंग होम लोन प्लान में ब्याज बैंक के बेस रेट से लिंक्ड होता है। इस कारण बेस रेट में बदलाव होने से ब्याज दर घट या बढ़ जाती है। फ्लोटिंग होम लोन प्लान में रेट ऑफ इंटरेस्ट फिक्स्ड होम प्लान की तुलना में कम होता है। इस वजह से आपकी ईएमआई फिक्ड्ान रेट प्लान के मुकाबले कम होती है।

फ्लोटिंग होम लोन प्लान के नुकसान:

यदि आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं। इस स्थिति में फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिए हुए व्यीक्ति को ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ सकती है। यदि इंटरेस्ट रेट बढ़ने की उम्मीयद हो तो फ्लोटिंग रेट प्लान में होम लोन नहीं लेना चाहिए।

क्या होता है फ्लेक्सी होम लोन प्लान:

फ्लेक्सी होम लोन प्लान फ्लोटिंग और फिक्स्ड प्लान का मिला जुला रूप है। इस प्लान को हाइब्रिड होम लोन प्लान भी कहा जाता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि ग्राहक अपनी जरूरत अनुसार लोन अवधि के बीच में अपना प्लान फिक्ड्रू या फ्लोटिंग में बदलवा सकता है। इस प्लान के तहत लोन लेने पर कुछ वर्षों तक तक इंटरेस्ट फिक्स्ड रेट से लगाया जाता है, जिसके बाद यह फ्लोटिंग हो जाता है।

इस प्लान का चयन करते समय ग्राहक फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों का ऑप्शन चुनते हैं। यदि भविष्य में ब्याज दरें बढ़ती भी हैं तो इसका प्रभाव ईएमआई पर नहीं पड़ता है।

इसे ऐसे समझें-

यदि भविष्य में ब्याज दरें बढ़ने पर आप फिक्स्ड प्लान लेते हैं तो आपके ऊपर अत्यधिक बोझ नहीं पड़ता। अगर, ब्याज दरें कम होती हैं और आपका फिक्स्ड रेट पर लोन है तो फ्लोटिंग में तब्दील करवा कर सस्ते ब्याज का लाभ उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि प्लान बदलाव कराने की सुविधा ग्राहक को पूरे लोन टेन्योर में केवल एक ही बार मिलती है।