सीमांचल व पूर्वी बिहार में फिर से नदियां उफनाने लगी हैं। बाढ़ का कहर जारी है। अररिया के आधा दर्जन गांवों में पानी फैलने से मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। वहीं खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड में कोसी नदी में हो रहे तेज कटाव से पांच कमरे का स्कूल शुक्रवार को जमींदोज हो गया। जबकि कोसी क्षेत्र में बहने वाली नदियों का जलस्तर अभी स्थिर है।
भागलपुर व मुंगेर में गंगा अब लोगों को फिर से डराने के स्तर पर पहुंचने की ओर बढ़ चली है। 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में छह सेमी की वृद्धि हुई है। अगर इसी रफ्तार से अगले 24 घंटे में बढ़ी तो शनिवार की शाम पांच बजे भागलपुर में गंगा नदी खतरे के निशान (33.68) मीटर के पार होगी।
हालांकि केंद्रीय जल आयोग ने शनिवार की शाम पांच बजे तक 33.67 मीटर यानी खतरे के निशान से एक सेमी पहले तक पहुंचने का अनुमान जताया है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार की शाम पांच बजे तक भागलपुर में गंगा 33.56 मीटर पर बह रही थी। शुक्रवार की सुबह दस बजे गंगा का जलस्तर बढ़कर 33.61 मीटर पर पहुंच गया। लेकिन इसके सात घंटे में गंगा के जलस्तर में दो सेमी की वृद्धि हुई और शाम पांच बजे तक बढ़कर 33.63 मीटर पर पहुंच गयी, जो कि खतरे के निशान से महज पांच सेमी दूर है।
केंद्रीय जल आयोग ने अनुमान जताया है कि अगले 24 घंटे में यानी शनिवार की शाम पांच बजे तक गंगा 33.67 मीटर पर पहुंच जायेगी। अररिया के पलासी प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बकरा नदी शुक्रवार को उफना गयी। इससे आधा दर्जन गांवों के निचले हिस्से में पानी फैल गया। यह पानी ग्रामीण सड़कों पर आर पार बहने लगा है। इससे करीब दस हजार लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। वहीं जलस्तर में वृद्धि होने से नदी किनारे बसे आधा दर्जन गांव पर कटाव तेज हो गया है।
किशनगंज जिले में कनकई, बूढ़ी कनकई और रतुआ नदी का जलस्तर बढ़ने से कटाव तेज हो गया है। एक स्कूल कटने के कगार पर है। जबकि कटिहार की सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। सभी खतरे के निशान को पार कर गयी है। गंगा और कोसी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता गोपाल चन्द्र मिश्र ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। सभी स्पर और बांध सुरक्षित है। खगड़िया में भी गंगा व बूढ़ी गंडक उफान पर है।