बूढ़ी गंडक नदी मुजफ्फरपुर में फिर से तबाही मचा रही है। मीनापुर, कांटी, मुशहरी और शहर से सटे इलाकों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। मीनापुर से सटे शिवहर जिले के कई गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मीनापुर के खरार ढाब और रघई के एक सौ से ज्यादा परिवार बांध पर शरण ले चुके हैं। वहीं हरशेर पंचायत में 500 से ज्यादा परिवार बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं और बाहर निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। हरशेर के वार्ड 15,16 और 17 को जोड़ने वाली सड़क पर पानी का बहाव तेज हो जाने के कारण निकलना मुश्किल हो रहा है। राघोपुर पंचायत के कई वार्ड में भी बाढ़ ग्रामीणों को परेशान कर रहा है। इस बीच पिछली बार बाढ़ में हुई तबाही को लेकर घोषित राहत राशि नहीं मिलने से लोगों में गुस्सा भी देखा जा रहा है। मीनापुर के अंचलाधिकारी रामजपी पासवान ने बताया है कि पंचायत अनुश्रवण समिति के माध्यम से राहत वितरण के लिए आकलन कराया जा रहा है। समिति जिन इलाकों के लिए रिपोर्ट दे रही है उन पंचायतों में राहत सामग्री राशि भेजी जा रही है।
मुशहरी प्रखंड में बांध पर शरण में बाढ़ पीड़ित
मीनापुर से सटे कांटी के मुस्तफापुर और मिठनसराय इलाकों में बूढ़ी गंडक का पानी घुस गया है। वहां से भी लोग पलायन कर रहे हैं। मुशहरी प्रखंड के कई पंचायतों में फिर से बाढ़ आ गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित आथर गांव में सभी घरों में पानी घुस गया है। रजवाड़ा पंचायत के सात गांवों का शहर और प्रखंड से सीधा संपर्क भंग हो गया है। गांव से अधिकतर परिवार घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। बहुत सारे परिवार के लोग पलायन कर रहे हैं। मुशहरी का रजवाड़ा बांध एक बार फिर बाढ़ पीड़ितों के लिए शरण स्थल बन गया है। इलाके में कम्युनिटी किचन खोलने की मांग हो रही है। बाढ़ से धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है।