बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र से 3763 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। सहायता की यह मांग नुकसान के प्रारंभिक आकलन के आधार पर की गई है। बरसात का मौसम अभी 20 दिन बाकी है लिहाजा मांग की गई राशि अभी और बढ़ सकती है।
राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए केन्द्र सरकार की टीम सोमवार को पटना पहुंची। छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह कर रहे हैं। पटना आने के बाद टीम ने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और अपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ बैठक की। बैठक के बाद केन्द्रीय टीम दरभंगा के लिए रवाना हो गई। आज दरभंगा क्षेत्र में नुकसान का आकलन करने के बाद टीम मंगलवार को भागलपुर जाएगी। वहां से आकलन कर मंगलवार को ही पटना लौटेगी और शाम पांच बजे एक बार फिर मुख्य सचिव से फील्ड से मिली जानकारी के आधार पर चर्चा करेगी।
इस बीच सोमवार को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में प्रभावित विभागों के अधिकारियों ने केन्द्रीय टीम के सामने पीपीटी के माध्यम से नुकसान का प्रारंभिक आकलन पेश किया। उसी के आकलन के आधार पर केन्द्र की टीम जिलों का जायजा लेगी। नुकसान की भरपाई के लिए सबसे लिए अधिक मांग जल संसाधन विभाग ने की है। इस विभाग ने लगभग 1470 करोड़ रुपये की मांग की है। इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने 1169 करोड़ और कृषि विभाग ने 661 करोड़, पथ निर्माण विभाग ने 203 करोड रुपये की मांग की है। सबसे कम पीएचईडी विभाग ने मात्र सात करोड़ रुपये की मांग की है। टीम दो दिनों तक बिहार में रहकर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी। बिहार दौरे से वापसी के दौरान ही राज्य सरकार की ओर से एक ज्ञापन सौंपा जा सकता है जिसमें बाढ़ से हुए नुकसान की प्रारम्भिक रिपोर्ट रहेगी। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से टीम भेजकर बाढ़ से नुकसान का आकलन कराने का आग्रह किया था। उसके बाद केन्द्र सरकार ने अंतरमंत्रालयीय टीम का गठन किया। गृह मंत्रालय के अलावा विभिन्नि मंत्रालयों के पांच अन्य अधिकारियों की टीम बिहार दौरे पर आई है।