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सुपरटेक पर सख्ती : एमराल्ड कोर्ट को मंजूरी देने वाले प्राधिकरण बोर्ड तक पहुंची जांच की आंच

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में एसआईटी ने इस परियोजना को दिए गए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) की भी जांच कर रही है। एफएआर देने का फैसला बोर्ड बैठक में लिया गया था। ऐसे में बोर्ड बैठक के सदस्य भी जांच के घेरे में हैं।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2009 व 2012 में एमराल्ड को लेकर नक्शों में बदलाव को जो मंजूरी दी गई थी, वह समिति स्तर पर किए गए थे। समिति के ही संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर हैं। हालांकि सैद्धांतिक सहमति के लिए फाइल को तत्कालीन एसीईओ व सीईओ को भी भेजा गया था।

महत्वपूर्ण यह है कि इसके अलावा इस मामले में आवंटन के समय दिए गए एफएआर के अलावा बाद में दो और बाद बिल्डर ने पर्चेबल एफएआर लिया था। पर्चेबल एफएआर बिना बोर्ड बैठक में मंजूरी के नहीं दिया जाता। इस परियोजना के लिए भी पर्चेबल एफएआर की अनुमति बोर्ड बैठक में दी गई थी। ऐसे में बोर्ड बैठक भी सवालों के दायरे में आ गई है। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में चेयरमैन, सीईओ, डीएम से लेकर कमिश्नर व शासन स्तर तक के अधिकारी सदस्य होते हैं।सूत्रों ने बताया कि बुधवार को टीम ने जांच की शुरुआत 2005 में पास किए गए पहले प्लान से की। इसके तहत 20 जून 2005 को जो मानचित्र पास किया गया उसके भूखंड का कुल क्षेत्रफल 48236.00 वर्ग मीटर, स्वीकृत योग्य एरिया (पर्मिसबल) 35 प्रतिशत यानी 16892.05 वर्ग मीटर और पास किया कवर्ड एरिया 14.03% यानि 6773.25 वर्ग मीटर था। इसी तरह स्वीकृत योग्य एफएआर 1.5 (72394.50 वर्ग मीटर) व पास किया गया एफएआर 134.28 (64810.04 वर्गमीटर) साथ ही सैट बेक को भी दिखाया गया। अधिकतम ऊंचाई 30 मीटर रही। इसे अलग से देखा गया। यहां तक एसआईटी को कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई। इसके बात सुपरटेक ने 6556.61 वर्गमीटर अतिरिक्त भूखंड को इसमे जोड़ते हुए पहला रिवाइज प्लान पास कराया।

26 नवंबर 2009 को दूसरा प्लान पास कराया गया। इसके तहत मानचित्र और एफएआर, कवर्ड एरिया, सेटबैक में फिर बदलाव किया गया। नया प्लान ग्राउंड प्लस 24 के हिसाब से बनाया गया। यह प्लान 54819.510 वर्ग मीटर का था। इसमे स्वीकृत योग्य एफएआर 1.5% (82229. 265 वर्ग मीटर) पर्चेबल एफएआर 33 प्रतिशत 27135.657 वर्ग मीटर कुल एफएआर 109364.922 वर्ग मीटर दिया गया। सेटबैक के लिए फ्रंट में 15 मीटर, बैक में 9 मीटर, दोनों तरफ साइड में 9-9 मीटर का स्पेस रखना था। इसके बाद तीसरा प्लान दो मार्च 2012 को पास कराया। यहां पर्चेबल एफएआर के साथ 2.75 किया गया। यह प्लान 40 फ्लोर का पास कराया गया। इसके मानचित्र में बदलाव हुआ।

कवायद : आज दोपहर में लौटेगी एसआईटी

एसआईटी ने बुधवार को सुबह साढ़े नौ से शाम छह बजे तक जांच की। गुरुवार सुबह एक बार फिर एसआईटी प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर जांच करेगी। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार दोपहर को एसआईटी प्राधिकरण से वापस चली जाएगी। गुरुवार को सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट जाकर भी वहां जाकर टावर देखने के अलावा आरडब्ल्यूए से बातचीत कर सकती है। गुरुवार को जांच करने के बाद टीम लखनऊ लौट जाएगी।

सुपरटेक के अन्य मामलों की भी छानबीन जारी

सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने सुपरटेक के अन्य मामलों की भी जांच की। उन संबंधित परियोजनाओं का कब-कब आवंटन, नक्शों व एफएआर को मंजूरी दी गई। किस परियोजना पर कितना बकाया है और कितनों की रजिस्ट्री हुई, यह भी जांच की।

कयास : जल्द एफआईआर दर्ज होगी

एसआईटी की जांच के दौरान बुधवार दोपहर अचानक जिले के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने 40 मिनट तक एसआईटी के अध्यक्ष संजीव मित्तल के साथ बैठक की। खास बात यह कि आलोक एसआईटी के सदस्य भी नहीं हैं फिर भी उनका पहुंचना कई संकेत दे रहा है। सूत्रों की मानें तो इसमें आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराने को लेकर चर्चा हुई। सेक्टर-6 प्राधिकरण का कार्यालय सेक्टर-20 कोतवाली क्षेत्र में आता है। ऐसे में इसके कोतवाल भी मौजूद थे। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर हो सकती है। वहीं आलोक सिंह का कहना है कि वह संजीव मित्तल से सिर्फ व्यक्तिगत रूप से मिलने आए थे।