दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर लगातार हो रहे हादसे के बाद एनएचएआई खंड-चार (डासना से मेरठ) पर 10 मार्शल तैनात करेगा। एक्सप्रेसवे पर वाहन विपरीत दिशा में न चल सके इसके लिए उतरने और चढ़ने वाले सभी प्वॉइंट पर इनकी तैनाती के लिए ट्रैफिक पुलिस को पत्र लिखा है। ढाई महीने के दौरान मेरठ एक्सप्रेस-वे पर 42 हादसे हुए। इसमें 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं, सोमवार की रात ट्रक की टक्कर से पांच लोगों की मौत हो गई।
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, वाहनों की तेज गति और विपरीत दिशा में चलने से हादसे हो रहे हैं। एनएचएआई ने हादसे रोकने के लिए योजना तैयार की है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि खंड चार पर ज्यादा हादसे हुए हैं। डासना से मेरठ तक 10 मार्शल अगले एक या दो दिन में तैनात किए जाएंगे। एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालक रास्ता न भटके इसमे मार्शल उनकी मदद करेंगे। आईएमएस कॉलेज के पास, डासना (जहां खंड चार शुरू होता है), सिकरोड इंटरचेंज, भोजपुर और मेरठ टोल प्लाजा पर मार्शल तैनात किए जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर अन्य खंड पर भी मार्शल तैनात करने की योजना है।
मुदित गर्ग ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर वाहन विपरीत दिशा में न चले इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को पूर्व में चिट्टी लिखी गई। ट्रैफिक पुलिस से गलत दिशा में चलने वाले वाहनों के चालान काटने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया ट्रैफिक पुलिस को फिर से पत्र भेजा जा रहा है। इसमें अनुरोध किया कि गाजियाबाद सीमा में जितने भी एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा हैं उन सभी पर एक-एक ट्रैफिक कॉन्स्टेबल को तैनात किया जाए। इसके अलावा उतरने और चढ़ने वाले स्थान पर भी पुलिस लगाई जाए। ऐसा होने से गलत दिशा में चलने वाले और प्रतिबंधित वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से रोका जा सकता है।
दोपहिया-तीन पहिया वाहन दौड़ रहे : एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने बताया कि मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल पर दोपहिया और तीन पहिया वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि इन सभी वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। ट्रैफिक पुलिस इन वाहनों पर जुर्माना लगाने के साथ सख्ती कर दे तो हादसों में कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि सभी टोल प्लाजा कर्मचारियों से दो टूक बोल दिया है कि प्रतिबंधित वाहनों को प्रवेश न दिए जाए।
”खंड चार पर ज्यादा हादसे हो रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए योजना तैयार की गई है। डासना से मेरठ तक दस मार्शल तैनात किए जाएंगे। एक्सेप्रेस-वे पर वाहन चालक रास्त न भटकें इसमें मार्शल उनकी मदद करेंगे।” मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, एनएचएआई