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रायबरेली: पारिवारिक विरासत बचाने के लिए चिंतित दिखीं प्रियंका गांधी, अपनों के बीच छलका दर्द

सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र पहुंचीं प्रियंका वाड्रा के चेहरे पर न सिर्फ पारिवारिक विरासत बचाने की चिंता दिखी, बल्कि अपनों के बीच उनका दर्द भी छलका। उन्होंने कहा कि रायबरेली और अमेठी उनका घर है। घर के लोगों की निष्ठा पर उन्हें कोई संदेह नहीं है। मुझे बस आप सबका समर्पण चाहिए। रायबरेली और अमेठी के लोगों का उन्होंने आह्वान किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों जिलों की 10 सीटों पर हम जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंके।

भुएमऊ गेस्ट हाउस में रविवार को दो घंटे तक चली बैठक में रायबरेली और अमेठी के पदाधिकारियों  से प्रियंका ने मुलाकात करके पार्टी की जमीनी हकीकत परखी तो उनका दर्द भी उनके सामने छलक पड़ा।

उन्होंने एक बार फिर दोनों जिलों को अपना घर बताया। दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यों का जिक्र किया। साथ ही लोगों से कहा कि उनकी निष्ठा में कोई कमी नहीं है। बस इस बार उन्हें दोनों जिलों की जनता का समर्पण चाहिए। प्रियंका का इशारा साफ है कि उन्हें जरूर पूरे यूपी की कमान दी गई है, लेकिन रायबरेली और अमेठी उनकी पारिवारिक विरासत रही है। चुनाव में पूरी दमखम के साथ इस विरासत को बचाना है।
हमें 16 हफ्ते 24 घंटे का समय दीजिए
बैठक के दौरान प्रियंका वाड्रा ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि आप सब हमें 16 हफ्ते में 24 घंटे का समय दीजिए फिर देखिए संगठन कितना मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी एक यात्रा निकालेगी और लोगों से सवाल करेगी कि आप कांग्रेस को वोट क्यों देना चाहते हैं।

पुराने पदाधिकारियों को मिलेगी तरजीह
बैठक के दौरान पुराने पदाधिकारियों को तरजीह न दिए जाने का मुद्दा भी उठा। इस पर प्रियंका ने सफाई दी कि पार्टी में पुराने पदाधिकारियों को भी उच्च स्थान दिया जाएगा। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। पुराने पदाधिकारी युवा पदाधिकारियों को राजनीति के गुर सिखाएं और संगठन की बेहतरी के लिए काम करें।