जबलपुर में डेंगू से महिला आरक्षक की मौत, पुलिस अधीक्षक ने लिया यह बड़ा फैसला
जबलपुर: बीमार पुलिस जवानों से थाना प्रभारी रोजाना सुबह-शाम फोन पर बात कर उनकी सेहत का पता लगाएंगे। किसी भी तरह की समस्या होने पर अस्पताल में भर्ती कर उनके उपचार की व्यवस्था करेंगे। डेंगू से आरक्षक की मौत के बाद बीमारी से मौत की घटनाओं को रोकने के लिए यह व्यवस्था पुलिस विभाग में लागू कर दी गई है। पुलिस अस्पताल में संसाधन जुटाए गए हैं ताकि डेंगू, मलेरिया, टाईफाईड, चिकनगुनिया की जांच के लिए जवानों को भटकना न पड़े। इतना ही नहीं गणना के दौरान थाना प्रभारी जवानों से बातचीत कर उनकी व उनके स्वजन की सेहत की जानकारी लेंगे। यदि कोई बीमार है तो संपूर्ण ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज करते हुए डेंगू केयर सेंटर द्वारा निगरानी की जाएगी।
दरअसल, डेंगू से पुलिस आरक्षक की मौत को पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने गंभीरता से लिया है। कोविड की तर्ज पर डेंगू केयर सेंटर शुरू करने के साथ उनके निर्देश पर पुलिस का हेल्थ सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि जवानों अथवा उनके परिवार के सदस्य को समय रहते उपचार मिल सके।
थानों में सफाई शुरू, चली फागिंग : मच्छरों पर प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस थानों व कार्यालयों में सफाई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। पुलिस लाइन में भी यह अभियान शुरू कर दिया गया है। मच्छरों की रोकथाम के लिए फागिंग मशीन चलाने के साथ कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने अधीनस्थों को निर्देश दिया है कि डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया व अन्य बीमारियों से ग्रस्त जवानों व अधिकारियों से रोजाना संवाद किया जाए। उनके उपचार में किसी भी तरह की समस्या होने पर बिना देर किए उन्हें जानकारी दी जाए।
जांच की सुविधा, कम कीमत पर दवा : बताया जाता है कि पुलिस अस्पताल की पैथालाजी में डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया, सीबीसी, काेलेस्ट्राल, डायबिटीज, सीआरपी समेत तमाम जांचों की सुविधा प्रारंभ की गई है। अस्पताल में दवा दुकान का संचालन किया जा रहा है जहां जवानों को 30-35 फीसद छूट पर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने अधीनस्थों को निर्देश दिया है कि नगर निगम, नगर पालिका परिषद, स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर पुलिस थानों, चौकियों, पुलिस के आवासीय परिसर में मच्छरों के विनष्टीकरण के लिए दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जाए। पुलिस परिसर में कहीं भी जल भराव की स्थिति निर्मित न होने पाए।
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