जबलपुर : शहर के नर्मदा तट मंगेली में एक ऐसा गणेश मंदिर है जहां परिक्रमा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। गणेशोत्सव पर्व पर यहां विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में यह पाषाण प्रतिमा लगभग एक हजार वर्ष पुरानी है। जमतरा के नर्मदा पुल और तिलवारा से जाने पर चूल्हा गोलाई के आगे मंगेली गांव में यह मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे है।
यह है खासियत : इस मंदिर की खासियत यह है कि यह छोटे से पर्वत के ऊपर बना है जिसे गणेश टेकरी के नाम से भी जाना जाता हैं। इसके पास ही दूसरे पर्वत पर हनुमान जी का मंदिर है जिसे हनुमान टेकरी के नाम से जाना जाता है। दोनों टेकरी के बीच में भैरव मंदिर है। स्वामी नर्मदानंद ब्रह्मचारी बताते हैं कि मंदिर के चारों तरफ लगभग 600 मीटर का परिक्रमा पथ है। मान्यता है कि परिक्रमा करने पर भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
आक्रमण में हुआ था क्षतिग्रस्त : मंदिर न्यास के अध्यक्ष सुखलाल यादव ने बताया कि मंदिर की प्राचीनता गांव के बुजुर्ग बताते रहे हैं। जब मुगल शासकों ने मंदिरों में आक्रमण किया तो इस प्रतिमा को उस समय गांव के लोगों ने घरों में छिपा दी थी इसलिए यह मूर्ति खंडित नहीं हो पाई। इसके बाद मूर्ति को पुन: पूर्व की तरह स्थापित कर दी गई थी।
पर्वत पर मिलते हैं अवशेष : मंदिर न्यास के सदस्य गंगाराम यादव बताते हैं कि कई साल पहले यहां घना जंगल था। पौधारोपण के लिए जब गड्ढा किया जाता है थोड़ी सी खोदाई में मंदिर के अवशेष मिलते हैं। मंदिर के पास आज भी कई तरह के अवशेष देखे जाते हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि मंदिर बहुत सुंदर बना था। यहां से आसपास की हरियाली के अलावा शहर का नजारा भी दिखाई देता है।
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