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मुजफ्फरपुर में 6 बच्चों को डायरिया:स्कूल में 5 बेड का बना अस्पताल, 24 घंटे 2 डॉक्टर्स की टीम तैनात, अब तक 4 बच्चों की हो चुकी मौत

मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र के धनपुरा गांव में डायरिया का प्रकोप थमता नहीं दिख रहा है। गुरुवार देर रात फिर 6 बीमार बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इनका इलाज शुरू हो गया है। धनपुरा में अब तक डायरिया से 4 बच्चों की मौत हुई है। इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. वुने शर्मा ने धनपुरा स्थित एक सरकारी स्कूल में ही पांच बेड का वैकल्पिक अस्पताल बनवा दिया है। यहां 24 घंटे 2 डॉक्टर की टीम की तैनाती की गई है।

20 किमी की दूरी पर PHC
गांव से सरैया PHC की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। बीमार बच्चों को वहां पहुंचाने में एक घंटे से अधिक समय लग जाता था। इस दौरान बच्चे की हालत काफी बिगड़ जाती थी। इसे देखते हुए स्कूल में ही अस्पताल बना दिया गया। बच्चों का इलाज शीघ्र शुरू हो सके। वहीं, स्थानीय पूर्व सैनिक कुणाल किशोर ने बताया कि वे अपने स्तर से पीड़ित परिवारों को सहायता कर रहे हैं। गुरुवार को बीमार बच्चों की उन्होंने फौरन अस्पताल पहुंचाया था। सिविल सर्जन (CS) को सूचना दी थी। इसके बाद टीम जांच करने आई थी।

एक एंबुलेंस की भी व्यवस्था
CS के निर्देश पर स्कूल में एक एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। बच्चों की अगर स्थिति गम्भीर हो तो फौरन सदर अस्पताल और SKMCH भेजा जा सके। CS ने कहा कि शिफ्ट अनुसार डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। पल-पल की रिपोर्ट देने को कहा गया है। वे खुद सभी बीमार बच्चों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

चापाकल से आ रहा गंदा पानी
इलाके में बाढ़ और जलजमाव के कारण समस्या गम्भीर हो चुकी है। इससे वाटर लेवल बढ़ गया है। चापाकल से गंदा पानी आने की आशंका उन्होंने जाहिर की है। ये पानी बच्चे पीते हैं, जिससे वे बीमार पड़ रहे हैं।

परिजन को किया गया जागरूक
CS ने उक्त गांव में परिजन से मुलाकात की। उन्हें बताया कि ऐसी परिस्थिति में हमेशा पानी को गर्म कर ठंडा करने के बाद पियें। ताज़ा खाना ही खाएं। बासी खाने से बचें। बच्चों को गंदे पानी में नहीं जाने दें। CS ने कहा कि इलाके में चूना और दवा का छिड़काव कर दिया गया है। PHC में दवा और स्लाइन भरपूर मात्रा में उपलब्ध करा दिया गया है।

अब तक चार बच्चों की मौत
धनपुरा गांव में अब तक डायरिया से चार बच्चों की मौत हो चुकी है। ढाई दर्जन से अधिक बच्चे बीमार पड़े हैं। गुरुवार को दो बच्चों की मौत हुई थी। वहीं, गत माह भी दो बच्चों की मौत हुई थी।