MP Weather News: भोपाल अमूमन सितंबर माह के मध्य तक मानसून की वापसी होने लगती है। वेदर सिस्टम कम बनते हैं। हवाओं का रुख भी बदलने लगता है, लेकिन इस बार अभी तक मानसून सक्रिय है। एक के बाद एक वेदर सिस्टम भी बन रहे हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में राजस्थान और उससे सटे मध्य प्रदेश पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र रविवार को बंगाल की खाड़ी में बन रहा है। इस वजह से रविवार को भी राजधानी सहित प्रदेश में अधिकांश जिलों में रुक-रुककर बौछारें पड़ सकती हैं। विशेषकर गुजरात और राजस्थान से लगे मप्र के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। सोमवार से बारिश की गतिविधियों में और तेजी आने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबकि पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रतलाम में 74, शाजापुर में 26, श्योपुरकलां में 17, भोपाल (शहर) में 13.4, धार में 11, इंदौर में आठ, भोपाल (एयरपोर्ट) में 7.8, गुना में 7.2, खंडवा में चार, खरगोन में 3.8, उज्जैन में तीन, सीधी में 2.4, होशंगाबाद में 1.4, रायसेन में 0.8 और ग्वालियर में 0.3 मिलीमीटर बारिश हुई।
तीन सिस्टम हैं सक्रिय मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर-पश्चिम मप्र पर बना कम दबाव का क्षेत्र राजस्थान की तरफ खिसक गया है। वर्तमान में यह पूर्वी राजस्थान और उससे लगे मप्र पर सक्रिय है। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात के रविवार शाम तक ओडिशा के तट पर कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने के आसार हैं। मानसून ट्रफ वर्तमान में बीकानेर से राजस्थान पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर सीधी, छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इन तीन सिस्टम के प्रभाव से बारिश का सिलसिला बना हुआ है।