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वाराणसी: बाबा विश्वनाथ का पुराना स्वरूप नहीं लौटा तो आत्महत्या कर लूंगा- पूर्व मंहत कुलपति तिवारी

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा कि मंदिर का पुराना स्वरूप वापस नहीं लौटा तो वह आत्महत्या करने पर विवश होंगे। बाबा के परिवार को जिस तरह से छिन्न-भिन्न कर दिया गया है, वह सनातनधर्मियों के लिए दुखदायी है। काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम को ताक पर रखकर अधिकारी अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि वह धाम में हो रहे अन्याय को रोकें।

बुधवार को टेढ़ी नीम स्थित आवास पर बातचीत के दौरान पूर्व महंत डॉ. तिवारी ने कहा कि बनारस के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या यह निर्देश दिया था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मंदिरों को तोड़ा जाए। बाबा के परिवार को तोड़कर अलग कर दिया जाए। मूर्तियों को छिन्न-भिन्न करके अलग कर दिया जाए। मूर्ति तोड़ना धर्म का काम नहीं है। देवी-देवताओं को उनके मूल स्थान से हटाने का क्या औचित्य है। देवी-देवता हैं तो काशी है।

काशी विश्वनाथ धाम अब पूर्ण होने वाला है लेकिन तोड़े गए मंदिरों को अभी तक स्थापित करने पर कोई विचार नहीं हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ हर महीने काशी आते हैं, वह इस पर रोक क्यों नहीं लगाते हैं। मेरा निवेदन है कि श्री काशी विश्वनाथ अधिनियम को पढ़ें। उसमें अधिकारियों को किसी भी तरह का अधिकार प्रदत्त नहीं है। धाम के निर्माण के लिए मंदिरों को यथास्थिति रखना चाहिए था।
सरकार अपने बनाए हुए अधिनियम की खुद अवहेलना कर रही है। अधिकारी किस तरह से हरकत कर रहे हैं, क्या अधिकारियों का राज है। अधिकारी निरंकुश हैं और किसी बात का जवाब नहीं देते हैं। शहर दक्षिणी के विधायक और धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को यह बात प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचानी चाहिए।

मेरा सभी से निवेदन है कि बाबा विश्वनाथ को रहने दिया जाए। स्थिति तो ऐसी हो चुकी है कि मेरा मन करता है कि मैं आत्महत्या कर लूं। नौगढ़ की प्रतिमा को इस तरह से तोड़ा गया है कि कहा नहीं जा सकता है। बाबा की कचहरी, अविमुक्तेश्वर महादेव समेत बाबा के परिवार को उनके स्थान से हटा दिया गया है।

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