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Gwalior Municipal Corporation News: दाे माह में अमृत याेजना काे बंद करने की तैयारी, खुदी सड़कें अब तक नहीं हुईंं रिपेयर

Gwalior Municipal Corporation News: शहर में पेयजल व सीवर व्यवस्था को व्यवस्थित करने लाई गई अमृत परियोजना अब शहरवासियों के दर्द व परेशानी का कारण बन गई है। परियोजना के तहत पाइप लाइन डालने शहरभर की सड़कों को खोद डाला है, लेकिन आज भी करीब 36 किलोमीटर सड़क का रेस्टोरेशन नहीं किया गया। इसके बावजूद इस परियोजना को 15 नवंबर 2021 तक खत्म करने की तैयारी है। वहीं 30 दिसंबर तक सभी ठेकेदारों को भुगतान भी कर दिया जाएगा और जनता गड्ढ़ाें के दर्द सहती रहेगी। अमृत परियोजना को लाने मुख्य उद्देश्य पेयजल-सीवर की व्यवस्था को मजबूत करना था। इसके लिए सड़क निर्माण की लागत से ढ़ाई गुना अधिक रुपये दिए गए। नगर निगम 650 रुपये वर्ग मीटर की दर से नई सड़क का निर्माण करा देता है, जबकि अमृत परियोजना के तहत 1483 रुपये वर्ग मीटर डामर रोड एवं 1487 रुपये वर्गमीटर सीसी (सीमेंट कंक्रीट) सड़क बनाई जा रही हैं। यह दरें केंद्र सरकार द्वारा बनाई जाने वाली गुणवत्ता पूर्ण सड़कों के मानकों के हिसाब से हैं। अधिक लागत लेने के बाद भी सड़कों पर घटिया रेस्टोरेशन किया गया है। इसका उदाहरण सिटी सेंटर मार्ग पर किया गया रेस्टोरेशन है, जिस पर दो पहिया वाहन चलाना भी मुश्किल है। इसी सड़क से सभी गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी गुजरते हैं। अमृत परियोजना के रेसीडेंट इंजीनियर अर्जुन सिंह चौहान का कहना है 36 किलोमीटर सड़कों का ही रेस्टोरेशन शेष है, जबकि हकीकत में इससे कई गुना अधिक सड़क पर रेस्टोरेशन होना है। दीनदयाल नगर, पिंटो पार्क, मामा का बाजार, नाका चंद्रवदनी, सेवा नगर, ग्वालियर किला गेट से घासमंडी सहित इनके आसपास की गली-मोहल्ले व कालोनियों में भी अभी रेस्टोरेशन नहीं किया गया है। इन सड़कों की दूरी ही करीब 100 किलोमीटर से अधिक है।

निगम ने किया रेस्टोरेशन से मनाः अमृत परियोजना से जुड़े अधिकारियों की पूर्व में योजना थी कि सड़कों में लाइनें डालने के बाद रेस्टोरेशन नगर निगम स्वयं का पैसा लगाकर जनकार्य विभाग से करा दे। इस बात पर जनकार्य विभाग के अधिकारी सहमत नहीं हुए। उनका कहना था रेस्टोरेशन के लिए लागत अमृत परियोजना की दरों से है तो निगम अपने रुपये से रेस्टोरेशन क्यों कराएगा। निगम पहले ही अपने हिस्से का पैसा इस परियोजना में लगा चुका है।

नगर निगम आयुक्त किशाेर कान्याल से सीधी बातः

सवालः नवंबर माह में अमृत परियोजना बंद होनी है, जबकि शहर में कई जगह सड़कों पर गड्ढ़े हैं?

जवाब: इस बात की मुझे जानकारी हैं।

सवालः परियोजना बंद होने से पहले ये गड्ढ़े कैसे भरे जाएंगे?

जवाब: बारिश कम होते ही युद्धस्तर पर सड़कों को ठीक करने का कार्य किया जाएगा।

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