बिहार में मजदूरों न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी गई है। श्रम संसाधन विभाग ने परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में वृद्धि के आधार पर नई दर तय कर दी है। सरकार साल में दो बार न्यूनतम मजदूरी तय करती है। इस साल एक अप्रैल 2021 को नई दर लागू हुई थी। दूसरी बार अब एक अक्टूबर से नई दर लागू हो गई है।
बढ़ी हुई मजदूरी दर 2 रुपए रोज से लेकर 68 रुपए महीना तक है। इसकी अधिसूचना श्रम संसाधन विभाग ने जारी कर दी है। बढ़ी हुई मजदूरी का लाभ दो करोड़ से अधिक मजदूरों को मिलेगा। न्यूनतम मजदूरी की दरों का निर्धारण/ पुनरीक्षण के लिए पिछले दिनों बिहार न्यूनतम मजदूरी परामर्शदात्री पर्षद की बैठक हुई थी।
पर्षद की ओर से की गई अनुशंसा के आलोक में ही मजदूरी दर में वृद्धि की गई है। सामान्य नियोजनों में कार्यरत अकुशल मजदूरों की मजदूरी में दो रुपए, अर्धकुशल की दो रुपए, कुशल की तीन रुपए तो अतिकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में रोजना चार रुपए की वृद्धि की गई है। जबकि पर्यवेक्षीय एवं लिपिकीय कामगारों को 68 रुपए महीने की वृद्धि का लाभ मिलेगा।
सरकार के इस निर्णय से घरेलू कामगार, कृषि नियोजन के कामगारों को लाभ होगा। साथ ही साबुन फैक्ट्री, सीमेंट कारखाना, पेपर उद्योग, होजियरी, आइसक्रीम कारखाना, पेट्रोल पंप, बिजली का खंभा, रेलवे पटरी बिछाने, बिस्कुट फैक्ट्री, आटा-चावल-तेल मिल, सड़क निर्माण, बांध मरम्मत, होटल व रेस्त्रां सहित अन्य तरह के कामों में लगे मजदूरों को लाभ होगा।
विभागीय अधिसूचना में कहा गया है कि अगर किसी ने न्यूनतम मजदूरी नहीं दी तो उसे एक साल की सजा और तीन हजार तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। अगर न्यूनतम मजदूरी नहीं मिले तो संबंधित व्यक्ति सक्षम न्यायालय में खुद या प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के माध्यम से न्यूनतम मजदूरी के लिए दावापत्र दायर कर सकता है।
वहीं कृषि कार्य से संबंधित मजदूरी के लिए सीओ, उप समाहर्ता या श्रम अधीक्षक तो गैर कृषि काम के लिए सहायक श्रमायुक्त, अनुमंडलाधिकारी या श्रम न्यायालय में दावा करना होगा। न्यूनतम मजदूरी मिलने में कठिनाई हो तो वे प्रखंड के श्रम प्रवर्तन अधिकारी, जिले के श्रम अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त से भी संपर्क कर सकते हैं। विभाग के पटना स्थित नियोजन भवन, तृतीय तल, बी ब्लॉक बेली रोड के श्रमायुक्त कार्यालय में आकर भी मजदूर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
श्रेणी अब तक थी आज से हुआ
अकुशल 304 रोजाना 306 रोजाना
अर्धकुशल 316 318
कुशल 385 388
अतिकुशल 470 474
पर्यवेक्षीय 870 मासिक 875 मासिक