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बिहार पंचायत चुनाव: जिलों की सुस्ती से आयोग हो रहा परेशान, 8 दिन बाद भी जीते प्रत्याशियों की सूची नहीं आई

राज्य में पंचायत चुनाव कराने में जिलों की सुस्ती के कारण राज्य निर्वाचन आयोग को काफी परेशानी हो रही है। 11 चरणों में राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच, उम्मीदवारों की संख्या, स्त्री-पुरुष उम्मीदवारों का ब्योरा, मतदान और मतगणना के बाद जीते हुए उम्मीदवारों का ब्योरा एकत्र करने में आयोग को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिलों से सभी चरणों के पंचायत चुनाव को लेकर अपडेट आंकड़े उपलब्ध कराने में देरी के कारण यह परेशानी बढ़ी है। यही कारण है कि आयोग द्वारा अद्यतन सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। 

ऑनलाइन व इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के बावजूद हो रही परेशानी 

आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर अलग-अलग विस्तृत दिशा-निर्देश सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत सह जिलाधिकारी को भेजा है। ऑनलाइन व इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विकसित किया गया है, ताकि किसी भी विषय पर आयोग तत्काल जिलों से फीडबैक ले सके, लेकिन जिलों में चरण वार अलग-अलग प्रखंडों में हो रहे चुनाव के कारण अपडेट आंकड़े एकत्र करने में देरी हो रही है, जिससे आयोग को भी तत्काल जानकारी नहीं मिल पा रही है। 

पहले चरण के मतदान के आठ दिन बाद भी जीते स्त्री-पुरुष प्रत्याशियों का ब्योरा राज्य निर्वाचन आयोग को अबतक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहले चरण के पंचायत चुनाव के तहत दस जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान व मतगणना हो चुकी है लेकिन कितने पुरुष व महिला उम्मीदवार जीते इसकी जानकारी कुछ जिलों ने उपलब्ध नहीं करायी है।

इसे एकत्र करने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि एक जिले में एक साथ तीन से चार चरणों के पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी रहने के कारण थोड़ी परेशानी हो रही है। वहीं, दूसरे चरण के मतदान के बाद सभी 34 जिलों के 48 प्रखंडों में मतदान 29 सितंबर को हुआ लेकिन मतदान के बाद सभी सात जिलों से महिला व पुरुष मतदाताओं के टर्नआउट का ब्योरा आयोग को उपलब्ध नहीं कराया गया।

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