मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर तक पूरे बिहार में तेज हवा के साथ बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का भी अलर्ट है। विभाग का कहना है कि पोस्ट मानसून का जो सिस्टम एक्टिव हुआ है, उसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में 3 अक्टूबर तक उत्तर बिहार के पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है।
अब बारिश बढ़ाएगी मुश्किल
मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है जबकि पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। रविवार और सोमवार के बीच सुपौल, अरररिया, मधेपुरा एवं पूर्णिया में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है। इसके साथ मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, किशनगंज और कटिहार में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 36 घंटे के दौरान राज्य में 30 से 40 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, इसके 60 किलो मीटर प्रति घंटे होने का भी अनुमान है।
एक अक्टूबर से बदला मौसम
एक अक्टूबर से लगातार बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में बिहार के 38 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। बिहार के उत्तर पश्चिम उत्तर मध्य दक्षिण पश्चिम एवं दक्षिण मध्य भाग में तो कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई है। मुजफ्फरपुर के बैरिया में तो रिकॉर्ड तोड़ 205 एमएम बारिश हुई है। भारी से बहुत भारी वर्षा में पश्चिम चंपारण के चनपटिया में 147.4 एमएम, नवादा के नरहट में 146.8 एमएम, वैशाली के महुआ में 14.2 एमएम, पूर्णी चंपारण के चटिया में 138.4 एमएम, गोपालगंज के हथवा में 126.4 एमएम, गोपालगंज में 119.6 एमएम, बक्सर में 117.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान राज्य के कई स्थानों पर गरज के साथ बिजली भी गिरी है।
ऐसे बन रहा है मौसम का सिस्टम
दक्षिण पश्चिम बिहार एवं इसके आस पास स्थित एक निम्न दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बिहार और इससे सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश पर आ गया है। इसी से संबंधित चक्रवाती सर्कुलेशन औसत समुद्र तल से 7.6 किलो मीटर ऊपर तक फैला हुआ है। एक चक्रवाती सर्कुलेशन जो दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में स्थित था वह अब दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर स्थित हो गया है और 5.8 किलो मीटर ऊपर तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से बिहार के सभी जिलों में बारिश का पूर्वानुमान है।