बरेली जिले की आंचल कॉलोनी में खुदकुशी करने वाली निकिता के पिता उत्तराखंड के उद्यमी हरिओम अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को अपनी बेटी की डायरी के कुछ अंश मीडिया के सामने पेश किए। आरोप लगाया कि सास संतोष अग्रवाल ने उनकी बेटी को गरम कलछी से मारा, पति नितेश ने उसका इलाज भी नहीं कराया। ससुराल वालों ने उसका तमाम तरह से उत्पीड़न किया।
काशीपुर (उत्तराखंड) के मोहल्ला सिंघयान निवासी फ्लोर मिल मालिक हरिओम अग्रवाल की पुत्री निकिता की शादी करीब दस साल पहले डायमंड पैराडाइज के मालिक आंचल कॉलोनी निवासी सराफा कारोबारी नितेश से हुई थी। 26 सितंबर की शाम निकिता का शव घर में ही फंदे पर लटका मिला।
इस मामले में हरिओम ने नितेश, उसके पिता सुरेश अग्रवाल, मां संतोष अग्रवाल और देवर राहुल अग्रवाल समेत चार लोगों के खिलाफ दहेज की खातिर आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। बृहस्पतिवार को हरिओम अग्रवाल ने मीडिया के सामने निकिता की डायरी के कुछ अंश पेश किए। कहा, निकिता को डायरी लिखने का शौक था। उसने अपनी डायरी में ससुराल वालों के उत्पीड़न का पूरा ब्योरा दर्ज किया है।
पहले भी कर चुकी थी खुदकुशी की कोशिश
बृहस्पतिवार को हरिओम ने निकिता की डायरी के कुछ पन्ने मीडिया को सौंपे। बताया कि मौत से कुछ दिन पहले ही निकिता ने यह डायरी अपनी मां को सौंपी थी और बिना बताए न खोलने की कसम दी थी। अब उन लोगों ने डायरी खोली तो उसमें बेटी ने उत्पीड़न की पूरी दास्तान लिखी है। निकिता ने लिखा है कि गर्भवती होने पर उसकी तबीयत बिगड़ी तो पति ने इलाज नहीं कराया गया। सास ने उसे गरम कलछी से पीटा। ससुर कहते थे उन्हें उसके बच्चे या उसकी जरूरत नहीं है। निकिता ने लिखा है कि उत्पीड़न के चलते वह पहले भी खुदकुशी की कोशिश कर चुकी थी। साथ ही निकिता ने साफ-साफ लिखा कि उसके या बच्चे की मौत के जिम्मेदार ससुराल वाले होंगे। उन्होंने बताया कि बेटी का कसूर सिर्फ इतना था कि वह सांवली थी।
शादी के बाद ही शुरू हुआ था उत्पीड़न
निकिता की डायरी में जो पत्र मिले हैं, वे वर्ष 2012 और 2014 में लिखे हैं। यह सभी पत्र शादी के कुछ समय बाद के ही हैं। हरिओम का कहना है कि उन्होंने बेटी की दूसरी जगह शादी भी करनी चाही लेकिन उसने मना कर दिया था। इसके बाद वह तरह-तरह से उपहार और नकद रुपये देकर उसकी ससुराल वालों को मनाते रहते थे।
परेशान कर रहे विवेचक
हरिओम अग्रवाल ने बताया कि विवेचक उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस मामले से जुड़े कुछ सबूत उन्होंने एसएसपी को सौंपे तो विवेचक इस पर भी नाराज हो गए। आरोपियों की गिरफ्तारी के बजाय उन्हें समझाया जा रहा है कि इस मामले में गिरफ्तार करने का प्रावधान नहीं है। बृहस्पतिवार को बयान दर्ज करने के नाम पर उन्हें थाने बुलाया और फिर अगले दिन आने को कहकर लौटा दिया।