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यूपी: मुकदमे की पैरवी के लिए जा रही बेटी नदी में कूदी, पिता ने भी लगाई छलांग

जौनपुर जिले में मुकदमे में पैरवी के लिए पिता के साथ न्यायालय जा रही बेटी ने सोमवार को शास्त्री पुल (नए पुल) से गोमती नदी में छलांग लगा दी। उसे बचाने के लिए वृद्ध पिता नदी में कूद पड़े। दोनों को डूबता देख मछुआरों ने जान की बाजी लगाकर दोनों को सुरक्षित निकाला। पिता का आरोप है कि ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग आकर बेटी ने आत्महत्या का प्रयास किया। फिलहाल, दोनों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। हालत खतरे से बाहर है।

शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के अर्गूपुर कला गांव निवासी राम प्रसाद गौतम(70) अपनी बेटी सीमा(32) के साथ दहेज प्रताड़ना के मुकदमे की पैरवी के लिए सुबह करीब 11 बजे प्राइवेट बस से शहर आए। सिपाह के पास पड़ाव पर बस से उतरकर पिता-पुत्री पैदल न्यायालय के लिए चले।

बेटी को बचाने के लिए कूदे पिता, फिर दोनों डूबने लगे
इसी दौरान पिता के पीछे चल रही सीमा पुल के मध्य में पहुंचने पर रेलिंग पर चढ़कर नदी में कूद गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने शोर मचाया तो डूब रही बेटी को बचाने के लिए पिता राम प्रसाद गौतम ने भी नदी में छलांग लगा दी और दोनों डूबने लगे। संयोग से कुछ ही दूरी पर नदी में चकप्यार अली मोहल्ला निवासी कई मछुआरों की नजर पड़ गई। वे पिता-पुत्री को बचाने के लिए कूद पड़े और उन्हें निकाल लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सीमा बेहोश हो चुकी थी। मछुआरों ने घटना की सूचना तुरंत यूपी-112 पुलिस को दी। पुलिस ने एंबुलेंस से पिता-पुत्री को जिला अस्पताल पहुंचाया। राम प्रसाद ने बताया कि करीब 12 वर्ष पूर्व उन्होंने सीमा की शादी शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के हुसेनाबाद निवासी सुरेंद्र के साथ की थी। दहेज की मांग को लेकर ससुरालीजन सीमा को प्रताड़ित करते रहे।

मांग पूरी न होने पर सीमा को मायके पहुंचा दिया। सुलह-समझौता होने पर विदाई कराकर मुंबई ले जाने पर वहां भी सीमा को प्रताड़ित करते रहे। इसी के मुकदमे की पैरवी पर वे न्यायालय जा रहे थे। इस संबंध में शहर कोतवाल सतीश कुमार सिंह ने बताया कि पिता-पुत्री की अब हालत खतरे से बाहर है।