Thursday , December 19 2024

आगरा पुलिस के रडार पर ईरानी गैंग: खुफिया इनपुट के बाद स्पेशल ब्रांच जांच में जुटी, खंगाला जा रहा रिकॉर्ड

अच्छी कद-काठी, बोली पुलिस वाली, पहनावा अधिकारियों जैसा…। आगरा के कमला नगर में व्यापारी को चेकिंग के नाम पर रोककर लूट का भय दिखाकर गहने पांच लाख के गहने ले जाने वाले टप्पेबाज गैंग का यही तरीका था। अब पुलिस को आशंका है कि लूट करने वाला महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सक्रिय ईरानी गैंग हो सकता है। इस बारे में पुलिस को खुफिया इनपुट भी मिले हैं। इस पर पुलिस की स्पेशल ब्रांच काम कर रही है।

अगस्त में दिल्ली पुलिस ने ईरानी गैंग को गिरफ्तार किया था। गैंग ने सराफ और उनके कर्मचारियों को शिकार बनाया था। उन्होंने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था। सभी की कद काठी अच्छी थी। बदमाश जेवरात लूटकर ले गए थे। 

गैंग भोपाल से वारदात करने आया था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ईरानी गैंग के सदस्य महाराष्ट्र के कुछ जिलों और मध्य प्रदेश के भोपाल में रहते हैं। वह वारदात के लिए दूसरे प्रदेश के जिलों में आते हैं। कई गुट में बंट जाते हैं। इसके बाद अलग स्थान पर जाकर वारदात करते हैं।
10 साल की घटनाओं का रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस 
टप्पेबाजी की घटनाओं को देखते हुए एडीजी राजीव कृष्ण ने दस साल की घटनाओं का रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में दर्ज मुकदमों की जानकारी जुटाई जा रही है।

ऐसे करते हैं वारदात
गैंग का एक तरीका पुलिस अधिकारी बनकर लूटने का है। इसमें वो कहते हैं कि आगे लूट हो गई है, फिर भी गहने पहनकर जा रहे हो। गहनों को कागज की पुड़िया में रखने के लिए बोलते हैं। इस दौरान दूसरे सदस्य आ जाते हैं। वो ऐसे दिखाते हैं कि वो भी राहगीर हैं। उनसे भी ऐसा ही करवाते हैं। कई बार लोग समझ नहीं पाते हैं। वह गहने उतारकर पुड़िया में रखते हैं। इस पुड़िया को बदल दिया जाता है।

दूसरा तरीका बाबा बनने का है। गैंग के सदस्य गहने पहनकर जा रहे व्यापारी और महिला को रोकते हैं। उनसे कहते हैं कि कष्ट दूर हो जाएंगे। इसके बाद बहाने से गहने उतरवाते थे। इस दौरान भी मदद के लिए राहगीर बनकर गैंग का दूसरा सदस्य भी आता है। वह भी उपाय पूछताछ है। इससे दूसरा व्यक्ति विश्वास करने लगता है और लूट का शिकार हो जाता है। गैंग के सदस्य जिम में अपनी बाडी बनाते हैं, जिससे लोग उन्हें पुलिसकर्मी समझें।
रेकी के बाद करते वारदात
गैंग पांच-छह की संख्या में एक जिले में जाता है। यह दो गुट में बंट जाते हैं। एक गुट पुलिसकर्मी बनता है तो दूसरा बाबा बन जाता है। सदस्य वहां दो पहिया और चार पहिया वाहन किराये पर लेते हैं।  रेकी करके शिकार बनाने वाले को रोकते हैं।

सावधान : पुलिस कभी नहीं उतरवाती गहने
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि टप्पेबाज गैंग की धरपकड़ के लिए टीम लगी है। एक नए गैंग के बारे में खुफिया जानकारी मिली है। इस पर टीम लगाई गई है। इसके अलावा हाल में जेल से छूटकर आए टप्पेबाज गैंग के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है। 

अगर, रास्ते में कोई बाबा और पुलिसकर्मी बनकर रोकता है, गहने उतारने के बारे में कहता है तो समझ जाएं कि वारदात हो सकती है। पुलिस कभी किसी व्यक्ति को अपने गहने उतारने के लिए नहीं कहती है। बाजार में व्यापारी वर्ग ज्यादा माल लेकर जा रहा है तो पुलिस की सहायता लें। रास्ते में मिलने वाले संदिग्ध लोगों के झांसे में नहीं आए। इसकी सूचना पुलिस को दें।

ये हो चुकी हैं वारदात

  • छह नवंबर को सीताराम कॉलोनी निवासी व्यापारी सुनील कुमार अग्रवाल को पुलिसकर्मी बनकर रोककर पांच लाख के गहने ले गए।
  • राजेश्वर मंदिर के पास पुलिसकर्मी बनकर महिला को रोका। उनसे चेन उतरवाकर ले गए थे। इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।
  • सेब का बाजार में व्यापारी के कर्मचारी को बाबा बताकर रोका गया। इसके बाद उसे झांसे में लेकर थैला रखवा लिया। उससे 27 किलोग्राम चांदी ले गए।
new ad